“चीन ने भारत की 1000 Sq Km ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया?”, The Hindu की लद्दाख कवरेज एकदम बकवास है


कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसमें यह खुलासा हुआ था कि चीन अपने प्रोपोगेंडे को फैलाने के लिए विश्व के कई अखबारों को रुपये खिलाता है और पत्रकारों को अपने यहाँ बुला कर आवभगत करता है जिससे वे उसके प्रोपोगेंडे को लिखते रहे।भारत में अब यह स्पष्ट तौर पर दिखाई भी देने लगा है कि कैसे कुछ नामी-गिरामी मीडिया हाउस चीनी मुखपत्र की तर्ज पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं। The Hindu भारत में अपने आप को एक बेहद ईमानदार और निष्पक्ष मीडिया होने का दावा करता है लेकिन यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के किसी मुखपत्र से कम नहीं है। हाल ही में The Hindu ने दो रिपोर्टें प्रकाशित की हैं, जिनमें से एक का दावा है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में 1000 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, जबकि एक अन्य रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारतीय सेना को चीनी सेना ने उत्तरी Pangong Tso झील के किनारे फिंगर 2 तक वापस धकेल दिया है।

पहली  रिपोर्ट 31 अगस्त की है और इसे विजेता सिंह नामक पत्रकार ने लिखी है। इस रिपोर्ट का शीर्षक है, “चीन का लद्दाख में 1,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर नियंत्रण।”


रिपोर्ट में एक “वरिष्ठ सरकारी अधिकारी” के हवाले से दावा किया गया है कि “Depsang Plains, पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से 13 तक एलएसी का लगभग 900 वर्ग किमी चीनी नियंत्रण में है।” वरिष्ठ अधिकारी यह भी कहते हैं, “गलवान घाटी में लगभग 20 वर्ग किमी और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में 12 वर्ग किमी क्षेत्र को चीनी कब्जे के तहत कहा जाता है। पैंगोंग त्सो में 65 वर्ग किमी चीनी नियंत्रण में है, जबकि चुशुल में यह 20 वर्ग किमी है।”

पूरे रिपोर्ट में यह तो लिख दिया गया कि यह क्षेत्र चीनी नियंत्रण में है लेकिन यह नहीं लिखा गया है कि यह सभी क्षेत्र LAC के चीनी भाग में हैं जिस पर चीन ने आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से कब्जा कर रखा है।

वहीं दूसरे रिपोर्ट को भी इसी पत्रकार ने लिखा है और यह रिपोर्ट 9 सितंबर की है। “Pangong Tso झील के उत्तरी किनारे पर विशाल चीनी जमावड़ा” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में पत्रकार यह दावा करती है, “सैन्य और राजनयायिक स्तर पर कई दौर की बैठकों में कोई परिणाम नहीं निकला है। चीन आंशिक रूप से फिंगर 5 से पीछे हट गया और समझौते के अनुसार, भारतीय सैनिकों को फिंगर 2 तक वापस धकेल दिया गया।”

हालांकि, कुछ समय बाद आखिरी पंक्ति में बदलाव करते हुए यह लिखा गया कि भारतीय सेना को वापस फिंगर 2 पर बुला लिया गया।

हालांकि, इस दावे का भी पूरी तरह से खंडन किया गया है विशेषज्ञों ने सेट्टेलाइट की तस्वीरों से यह बताया कि ITBP शिविरों पीछे हटे नहीं बल्कि फिंगर 3 से आगे बढ़ते हुए फिंगर 4 की ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है।

गौर करने वाली बात यह है कि The Hindu द्वारा किए गए इन दावों का कोई प्रमाण नहीं पेश किया है और न ही कोई सेट्टेलाइट की तस्वीर के आधार पर दावा किया।

आज जब भारत और चीन के बीच इस तरह से विवादित माहौल की स्थिति है तब किसी भी एक खबर का कितना नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है इसकी उम्मीद किसी को नहीं है। ऐसे समय में आदर्श रूप में, किसी भी मीडिया संगठन को किसी भी रिपोर्ट के दावे का प्रमाण देना चाहिए।

परंतु The Hindu ने बस “वरिष्ठ सरकारी अधिकारी” शब्द लिख कर रिपोर्टिंग कर दी जो शायद हो भी या नहीं यह कोई नहीं जानता। The Hindu द्वारा इस तरह के दावे न तो किसी साक्ष्य के आधार पर किए गए हैं और न ही इस प्रकार की रिपोर्टिंग किसी अन्य अखबार या फ्रीलान्स OSINET ने किया है। ये निराधार दावों के बाद यह सवाल उठता है कि आखिर कौन है जिसके इशारे पर The Hindu झूठ पेश कर रहा है वो भी बिना किसी संपादकीय स्क्रूटनी के?

The Hindu के दावे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना और भारत सरकार से पूरी तरह भिन्न है। भारतीय सेना द्वारा 29-30 अगस्त के अभियानों के बाद न केवल दक्षिणी Pangong Tso झील के आस पास बल्कि पहाड़ो की ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है और झील के उत्तरी तट पर चीनी शिविरों पर नजर रख रही है।

भारतीय सेना द्वारा की गयी चढ़ाई से हासिल की गई ऊंचाई हासिल करने के बाद चीन के सुर बदल चुके हैं और वह एक असुविधाजनक स्थिति में है। परंतु जिस तरह से चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स सीसीपी के लिए प्रोपोगेंडा लिखता है उसी तरह अब The Hindu भी उन्हीं के कदमों पर चलते हुए चीनी प्रोपोगेंडा को लिख रहा है।

Source: TFIPOST

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