कश्मीर मुद्दे पर ज़लालत झेल रहे पाकिस्तान की UAE-इजरायल की दोस्ती से बढ़ीं मुश्किलें

पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर हर तरफ से मुंह की खानी पड़ रही है। जिसकी वजह से उसकी छटपटाहट बढ़ती ही जा रही है जिससे उसे अब और भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। भारत में जब से मोदी सरकार बनी है उसके बाद पाकिस्तान ज्यादा परेशान होने लगा है। वहीं भारत की विदेश नीति जहां बेहतर हो रही है जिससे भारत के सम्बन्ध अन्य देशों से अच्छे हो रहे हैं। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच हुए शांति समझौते के बाद पाकिस्तान की मुसीबत बढ़ गई है। इजराइल को लेकर जब एक इंटरव्यू के दौरान इमरान खान से सवाल किया गया तो उन्होंने इजराइल के साथ संबंध सुधरने की बात को पूरी तरह से ही ख़ारिज कर दिया। पाक पीएम ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि हमारा रुख पहले दिन से ही बिलकुल साफ़ है और कैद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि इजरायल को पाकिस्तान तब तक स्वीकार नहीं कर सकता है जब तक फिलिस्तीन के लोगों को उनका अधिकार नहीं मिल जाये।

गौरतलब है कि इजरायल और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक रिश्ते नहीं हैं। इमरान सरकार के पाकिस्तान में दो वर्ष पूरे हो चुके हैं। सऊदी अरब की पाकिस्तान से बढ़ती हुई दुरी और इजरायल से हुए समझौते के बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि सऊदी अरब को और ज्यादा नाराज कर दिया तो हमारी परेशानियां ही भविष्य में बढ़ेगी। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के एक वर्ष पूरे होने पर विदेश मंत्री ने सऊदी अरब की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।

कश्मीर के मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि वो खुद अपने पीएम से बात करेंगे और कहेंगे वो उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ हैं। पाकिस्तान की सऊदी अरब से बढ़ती दूरी और अरब की भारत के साथ बढ़ती नजदीकी पाकिस्तान के लिए मुसीबत अभी आगे और भी बढ़ा सकती हैं।

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