लोग कहते हैं समय बदल गया..सच है..समय बदल चुका है। स्थिति बदल चुकी है। परिस्थिति बदल चुकी है। लेकिन समय इतना भी बदल जाएगा यह कभी नहीं सोचा था। यब कभी नहीं सोचा था कि लोग MA और BA करके भीख मांगने लग जाएंगे। हां.. यह जरूर था. लोग बहुत ज्यादा पढ़ने लिखने के बाद भी जिस काम के हकदार वो उन्हें वो न मिल पता हो और संभंव है कि वो कोई छोटा मोटा करने को मजबूर हो जाते हो, लेकिन अब समय इतना बदल जाएगा कि लोग भीख मांगने को मजबूर हो जाएंगे.. नहीं यह तो कभी नहीं सोचा था..यह सब हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस बात का खुलासा खुद राजस्थान की जयपुर पुलिस ने किया है।
उन्होने अपने शहर को भिखारी मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए उन्होंने कई कदम उठाएं हैं। उन्होंने अपने शहर के तमाम भिखारियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया। इस दौरन उनके पास जो आंकड़े आए हैं। उन्होंने उनके होश फाख्ता कर दिए हैं। कभी अपनी आंखे मिचमिचते तो कभी बड़ा से मुंह खोल लेते हैं, क्योंकि उनके शहर में बीए एमए की डिग्री लेकर भीख मांगे जा रहे हैं। उनको रत्ती भर भी इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं हो रहा था। इसके बाद खुद वो इन आंकड़ों की तस्दीक करने के लिए जमीन पर उतरे, लेकिन बावजूद इसके जमीन और आंकड़ों में कोई फर्क नहीं दिखा।
शहर के 196 भिखारियों में से 6 भिखारी तो ग्रेज्यूएट और पोस्ट ग्रेज्यूएट हैं। जबकी 193 भिखारी कक्षा एक से लेकर 12 तक की पढ़ाई कर चुके हैं और 39 साक्षर हैं. 1196 भिखारियों में 231 बेलदारी का काम जानते हैं तो 103 मजदूरी कर सकते हैं. 27 पढ़ाई का, 59 केटरिंग का, 9 कबाड़ी का, 7 होटल का, 2 झाडू पोंछा का, 9 चौकीदारी और 7 सफाई का काम जानते हैं। इनमे से कई भिखारी तो ऐसे हैं, जो स्नातक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके हैं और इनमे से तो कई ऐसे भिखारी भी सामने आ चुके हैं, जो अपनी मर्जी से भीख मांग रहे हैं।
उधर, अब शहर के इन भिखारियों को चिन्हित करने के बाद इनके पूर्नवास पर विचार किया जा रहा है। इन सभी लोगों को अब रोजगार मुहैया कराए जाएंंगे, ताकि यह लोग भिख न मांगे। यहां पर हम आपको बताते चले कि चिन्हित किए गए इन भिखारियों में से 800 भिखारी राजस्थान के ही हैं। जबकी 95 भिखारी उत्तर प्रदेश के हैं। जयपुर में 18 राज्यों के भिखारी मौजूद हैं। इनमें 150 दिव्यांग है तो अन्य को कोई ना कोई रोग है। इन भिखारियों का अभी तक कोई आपाराधिक पृष्ठभूमि सामने नहीं आया है।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।
Post a Comment