ट्रेन लेट होने पर रेलवे हर यात्री को देता है Late Note, ताकि दफ्तर में देरी की वजह बता सकें

 भारत में शायद ही कोई ऐसी ट्रेन होगी, जो समय पर आती और समय पर जाती हो। देर से आना और देर से जाना भारतीय रेलवे की मानों कोई पुरानी प्रथा हो, जिसका पालन करना रेलवे के लिए अनिवार्य हो। भारतीय रेलवे को देखा-देखी अब तो मेट्रो का हाल भी खस्ता हो चला है, सुबह मेट्रो के आने का समय 1 मिनट से 2 मिनट हुआ 2 मिनट से 5 मिनट और अब तो 10-10 15-15 मिनट तक का इंतजार लोगों को मेट्रो के लिए करना पड़ता है। कई बार ऑफिस लेट पहुंचने की वजह ये मेट्रो बन जाती है, लेकिन HR को कौन समझाए!

अगर सच में भारतीय रेलवे और DMRC को किसी से कुछ सीखने की जरूरत है, तो वो है जापान से।
जी हां, जापान से... जापान समय का पाबंद देश है... आपको जानकर हैरानी होगी कि जापान की ट्रेन कभी भी 60 सेकंड ज्यादा लेट नहीं होती। जापान में हर 3 मिनट के बाद एक बुलेट ट्रेन आती है, और अपने तय समय पर वहां से निकल जाती है।
आपको बता दें, जापान में बुलेट ट्रेन की शुरुआत 1964 में हुई थी, और तब से अब-तक का रिकॉर्ड है कि यह ट्रेन कभी लेट नहीं हुई है। एक नामी अखबार की रिपोर्ट की मानें, तो अगर किसी दिन ट्रेन 1 मिनट से भी ज्यादा समय के लिए लेट हो जाती है... तो ड्राइवर को लेट होने का जवाब देना पड़ता है। इतना ही नहीं ट्रेन लेट होने के बाद रेलवे विभाग हर पैसेंजर से निजी तौर पर माफी मांगता है। एक बार विभाग ने 20 सेकंड होने पर सभी यात्रियों से माफी मांगी थी।
इसके लिए उन्हें एक ‘लेट नोट’ जारी किया जाता है, इस नोट में बताया जाता है कि ट्रेन कब कहां कितनी देरी से चली... ताकि नौकरीपेशा लोग अपनी कंपनी में जाकर इस नोट के जरिए लेट होने की वजह बता सके।
इसी वजह से तो जापान की बुलेट ट्रेन को दुनियाभर में बेस्ट माना जाता है।
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