छोटी उम्र में देख लिया था अधिकारी बनने का सपना, सिविल इंजीनियर की नौकरी छोड़ बन गया IAS

उत्तराखंड मूल के आईएएस अधिकारी वर्णित नेगी ने साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा में 13वीं रैंक लाकर अपने माता-पिता के साथ राज्य का भी नाम रौशन कर दिया । खास बात ये कि ये उनका तीसरा प्रयास था । पहली कोशिश में वो केवल प्री तक पहुंचे थे और दूसरी बार में उनका सेलेक्शन तो हुआ पर रैंक 504 मिली । इस रैंक के बाद उन्हें रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) में असिस्टेंट सिक्योरिटी कमीशनर का पद मिला था । छोटी उम्र में ही बड़े सपने देखने वाले वर्णित अपनी इस सफलता से कतई खुश नहीं थे । उन्‍होने अपने इस सपने को मरने नहीं दिया, असिस्टेंट सिक्योरिटी कमीशनर के पद पर रहते हुए फिर से परीक्षा की तैयारी की, और अपने और पिता के सपने को पूरा कर दिखाया ।

शुरुआती पढ़ाई
वर्णित नेगी का बचपन जसपुर में बीता, यहीं उनकी शुरुआती शिक्षा शभी हुई । 7वीं के बाद वो बिलासपुर शिफ्ट हो गए, 10वीं तक वहीं पढ़ें । वर्णित ने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई कोटा से की । हायर एजुकेशन के लिए एनआईटी, सूरथकल कर्नाटक को चुका । यहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री ली । कैम्पस प्लेसमेंट भी मिला और वो पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, पंजाब में काम करने लगे । पूरे डेढ़ साल तक काम करने के बाद वर्णित ने अपने सपने को पूरा करने की ठानी ।

दिल्‍ली आकर परीक्षा की तैयारी में लग गए
मार्च 2016 में उन्होंने नौकरी छोड़कर वो दिल्‍ली पहुंच गए । वो अब सिविल सर्विसेस की तैयारी करना चाह रहे थे । वर्णित ने पहली बार साल 2016 में यूपीएससी के एग्‍जाम दिए, जिसमें वे केवल प्री ही पास कर पाए । दूसरी बार 2017 में सेलेक्ट हो गए, लेकिन रैंक कम आई । लेकिन तीसरी कोशिश में वर्णित ने पूरी जान झोंक दी । 2018 में वे आईएएस पद के लिए सेलेक्ट हुए । वर्णित उन सभी कैंडिडेट्स को खुद पर विश्‍वास करने की सलाह देते हैं, जो इस परीक्षा में उत्‍तीर्ण होने का सपना देखते हैं ।

वर्णित की सलाह
वर्णित ने बता कि अगर आपके मन में यही चलता रहे कि इस परीक्षा में तो लाखों लोग बैठते हैं और वही आईएएस बन सकता है जो टॉप 100 में आता है तो आप कभी सफल नहीं हो पाएंगे । अपने ऊपर विश्वास करें कि आप कर सकते हैं, तभी आप सफलता हासिल कर पाएंगे । वर्णित नेगी का मानना है कि स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क में अंतर को पहचानना जरूरी है । अगर आप स्मार्ट वर्क को नहीं चुनेंगे तो कभी समय से सिलेबस पूरा नहीं कर पाएंगे । इसके साथ ही परिवार, दोस्‍ती और टीचर्स का सपोर्ट, यूपीएससी के इस सफर में ये सबसे अहम हैं, जो आपको निराश नहीं आगे बढ़ने के लिए प्रोत्‍साहित करते हैं ।

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