बिहार बाढ – क्या प्रत्यय अमृत सुपर मैन हैं?

बिहार इन दिनों बाढ़ की आपदा से जूझ रहा है। लगभग 24 लाख लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। ऐसा बताया गया कि सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में बेघर हुए लोगों के लिये राहत शिविरों और सामुदायिक रसोइयों का संचालन हो रहा है। मगर ये जमीन पर दिखती नहीं हैं, लोग अमूमन तटबंधों के किनारे ही शरण लिए नजर आ रहे हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण रोकने की जिम्मेदारी भी आपदा प्रबंधन विभाग की है। इसके लिये सरकार ने कई नियम बनाये हैं। सभी पीड़ितों को मास्क और सेनिटाइजर देना है। शिविरों में दूरी का ख्याल रखना है। बचाव कार्य में जुटे नावों और बोटों को बार बार सेनिटाइज करना है।

यह सब होता कहीं नजर नहीं आ रहा। इस आपदा में आपदा प्रबंधन विभाग का कहीं दर्शन नहीं हो रहा। मगर इस विभाग के प्रमुख अमृत प्रत्यय सफल अधिकारी माने जाते हैं। इसी वजह से उन्हें कोरोना से लड़ने में अक्षम साबित हो चुके बिहार के स्वास्थ्य विभाग की भी कमान दे दी गयी है।

मतलब यह कि बिहार की इस वक़्त की दो सबसे बड़ी आपदा का सामना करने का अकेला दायित्व अमृत प्रत्यय के कंधे पर डाल दिया गया है। यानी हमारे सीएम उन्हें सुपर मैन समझते हैं। मगर आपदा प्रबंधन विभाग का उनका परफॉर्मेंस कहीं से सीएम के इस भरोसे की पुष्टि नहीं करता।

एक सामान्य बुद्धि का प्रशासक इस समय इन दो भीषण आपदाओं के लिये दो अलग अलग और प्रभावी प्रशासकों की नियुक्ति करता। मगर नीतीश जी ने अपने सुपर मैन को दो नावों पर सवार करवा दिया। इसके दो ही अर्थ हैं, या तो बिहार के पास कुशल प्रशासनिक अधिकारियों का टोटा है या नीतीश जी को प्रत्यय अमृत पर जरूरत से ज्यादा भरोसा है।

(वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)

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