इस मंदिर में भगवान शिव के अभिषेक के बाद दूध हो जाता है नीला, जानिए क्या हैं इसके मायने

भगवान शिव (Lord Shiva) के बारे में मान्यता है कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है. मंदिरों में भक्त भगवान शिव पर दूध का अभिषेक करते हैं और भगवान से आशीर्वाद पाते हैं. लेकिन कई ऐसे भी शिव मंदिर हैं जिनका अपना रहस्य है और ईश्वर का ऐसा सच है जो आज भी रहस्य बना हुआ है. ऐसा ही एक शिव मंदिर तमिलनाडु के कीजापेरूपल्लम के गांव में स्थित है जिसका नाम है नागनाथ स्वामी मंदिर या केतु स्थलम (Naganatha Swamy Temple or Kethu Sthalam). यह पूमफर से दो किलोमीटर की दूर पर स्थित है. इस मंदिर में केतु की प्रतिमा भी है लेकिन इस मंदिर में मुख्य रूप से शिव या नागानाथ स्वामी की पूजा होती है. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर भगवान शिव पर जिस दूध का अभिषेक किया जाता है, वह नीला पड़ जाता है.

नागनाथ स्वामी मंदिर या केतु स्थलम (Naganatha Swamy Temple or Kethu Sthalam ) तमिलनाडु के नौ नवग्रह स्थलों में से एक है. यह कावेरी नदी के डेल्टा पर स्थित है. इस मंदिरमें भक्त अपने सर्प दोष और राहु दोष को दूर करने के लिए आते हैं. इनसे मुक्ति पाने के लिए शिव लिंग पर रुद्र अभिषेक करते हैं. अगर भक्त राहु दोष से मुक्ति पा लेता है तो दूध का रंग नीला पड़ जाता है. लेकिन कहा जाता है कि जैसे ही यह दूध फिर से जमीन पर आता है तो इसका रंग सामान्य हो जाता है.

मान्यताओं के मुताबिक, एक बार एक संत को राहु ने श्राप दे दिया और उन्होंने इस श्राप से मुक्ति के लिए अपने गणों के साथ भगवान शिव की पूजा की. शिवरात्रि के दिन भगवान ने राहु को दर्शन दिए और श्राप से मुक्ति दे दी. राहु यहां अपने गणों के साथ विराजे हुए हैं और उन्हें सर्पों का देवता भी कहा जाता है.

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