मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बागी विधायकों ने कहा है कि प्रदेश में अब ना सचिन पायलट और ना ही अशोक गहलोत को सीएम के रुप में देखना चाहते हैं, अगर पार्टी हाईकमान किसी तीसरे चेहरे को आगे कर दे, तो वो सम्मान के साथ पार्टी में लौट जाएंगे। हालांकि राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने इस तरह की सूचना का खंडन किया है।
अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को किसी तरह की कोई संदेश नहीं मिला है, पार्टी में वापसी के लिये कोई शर्त नहीं रखी जाती और बागी विधायकों को पहले आलाकमान से माफी मांगनी होगी, इसके साथ ही आज हाईकोर्ट में होटलों में बंद विधायकों के बीच तीन याचिकाओं पर सुनवाई होगी।
वेतन-भत्ते रोकने की मांग
इन तीन याचिकाओं में पहली याचिका गहलोत और पायलट गुट के विधायकों के वेतन तथा भत्ते रोकने की मांग से जुड़ी है, याचिका दायर करने वाले विवेद सिंह जादौन का कहना है कि कोराना की वजह से राज्य की वित्तिय स्थिति ठीक नहीं है, विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के बजाय होटलों में रुके हुए हैं, वो बिना काम के पैसे ले रहे हैं, इनकी सैलरी रोकी जाए।
दूसरी याचिका
दूसरी याचिका पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा की है, उन्होने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी के एफआईआर रद्द कराने के लिये याचिका दायर की है, इसके अलावा तीसरी याचिका गवर्नर की ओर से विधानसभा सत्र नहीं बुलाने को लेकर लगाई गई है, हालांकि राज्यपाल ने 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरु करने का आदेश दे दिया है। इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने की तीन बार कोशिश की जा चुकी है, इनमें तीन केन्द्रीय मंत्री और कई नेता शामिल हैं।
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