कोबरा नाग हमेशा धामन साँप के साथ ही क्यों पाया जाता है?

कोबरा या कहें कि इंडियन कोबरा भारत में पाया जाने वाला सबसे विषैला साँप है। इसे ही हम नाग या नाग देवता के नाम स जानते हैं। जी हाँ, आपको बता दें कि भारत के जंगलों में साँपों की लगभग 270 से अधिक प्रजातियाँ पायी जाती हैं। इन सभी प्रजातियों में कुल 50 प्रजातियाँ ही ऐसी हैं, जो कि विषैली हैं, जिनमें से 15 सबसे अधिक विषैले साँप होते हैं। बहरहाल, इन सभी में कोबरा एक ऐसा साँप है, जो सबसे अधिक विषैला है। इन नागों की एक विशेषता यह है कि आप इन्हें नागिन के साथ कम बल्कि धामन साँप के साथ अधिक कहीं एकांत में पा जाएँगे।
जी हाँ, भारत में पूज्यनीय कोबरा साँप नदियों के किनारे, खेतों में और गाँवों के आसपास रहते हैं। यह रेंगने वाले जीवों को, छिपकलियों को और मेंढकों को अपना शिकार बनाते हैं। ग़ौरतलब है कि यह एक ज़हरीला साँप है, जो कि बिना ज़हर वाले साँप धामन के साथ पाया जाता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है। ऐसा क्यों है कि नाग अक्सर नागिन के साथ नहीं, बल्कि धामन के साथ पाया जाता है।
दरअसल, कुछ लोगों का मानना है कि चूँकि कोबरा की तरह धामन भी रेंगने वाले जीवों को, छिपकलियों को और मेंढकों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए हो सकता है कि वह कोबरा के साथ शिकार करते हो, लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी सच्चाई तो कुछ और ही है।
जी हाँ, दिलचस्प है कि अक्सर कोबरा साँप धामन के साथ प्रजनन करता है, क्योंकि प्रकृति में प्रजनन का अधिकार बलिष्ट को ही है, पराजित प्रतिद्वंद्वी अपनी पतली पगडंडी की राह चल देता है। ये बात भी ग़ौर करने लायक है कि धामन में रोमांटिक सेक्स के गुर पाये जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि कोबरा धामन को उनके इसी सेक्शुअल डिज़ायर के लिए ही पसन्द करते हैं और इसलिए भी क्योंकि धामन जल्दी हाथ नहीं आती। धामन भी कोबरा के साथ इसलिए अंतरंग होती है, क्योंकि कोबरा साँपों में सबसे पॉवरफ़ुल होता है।
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