मन्दिर निर्माण के लिए इंजीनियर कर रहे हैं मिट्टी का परीक्षण, ट्रस्ट ने रामभक्तों से की ये बड़ी अपील

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। आपको बता दे कि बीते पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी के हाथों भूमिपूजन का कार्य संपन्न हो चुका है। मन्दिर निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 18 इंच लम्बी, 3mm गहरी,30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता होगी। जिसके लिए ट्रस्ट ने श्रीरामभक्तों से आह्वान किया है कि वे तांबे की पत्तियां दान करें। इसके साथ ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बैंक खातों की जानकारी और दान करने की प्रक्रिया के जानकारी को भी साझा किया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर निर्माण से जुड़ें इंजीनियर अब मंदिर स्थल पर मिट्टी के परीक्षण का काम कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार के लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसके ट्रस्ट ने बताया कि तांबे की पत्तियों को दान करने वाले दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मन्दिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी।

इंजीनियर कर रहे है मिट्टी की जांच- मिली जानाकारी के अनुसार मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की जरूरत है जिसे भक्तों से दान देने के लिए कहा गया है। मदिर निर्माण में CBRI रुड़की, IIT मद्रास के साथ L & T के इंजीनियर मंदिर स्थल पर मिट्टी का परीक्षण कर रहे हैं। 36-40 महिने में मंदिर निर्माण कार्य के समाप्त होने की उम्मीद है।

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