गौरतलब है कि अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले में रहने वाले मोहम्मद शरीफ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। उनकी खासियत यह है कि वो इस काम में धर्म, संप्रदाय नहीं ढूंढ़ते। पद्मश्री मिलने पर शरीफ ने खुशी व्यक्त किया था और अब राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण पत्र पाकर काफी अभिभूत हैं। वह अयोध्या में होने वाले इस भव्य समारोह का हिस्सा बनने को लेकर काफी उत्साहित हैं। ज्ञात हो कि लावारिस शवों के अंतिम संस्कार कराने के पीछे उनकी अपनी कहानी है। उनका एक बेटा स्वास्थ्य सेवा से जुड़ा था। किसी काम के सिलसिले में एक बार वह सुल्तानपुर गया था, जहां उसकी हत्या करके उसके शव को कहीं फेंक दिया गया था।
परिजनों ने काफी खोजबीन की पर उसकी लाश नहीं मिली। इसी घटना के बाद शरीफ ने लावारिस शवों को ढूंढ-ढूंढकर उसका अंतिम संस्कार करने का प्रण लिया था। इस बारे में शरीफ बताते हैं कि 27 वर्ष पहले सुलतानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी। इसके बारे में मुझे एक महीने बाद सूचना मिली। इसके बाद से मैंने मैंने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार का काम अपने जिम्मे में ले लिया। मैंने अब तक 300 हिंदू और 2500 मुसलमानों के शवों का अंतिम संस्कार करवाया है।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप हमें सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर को फॉलो करें।
Post a Comment