ये राजकुमार नहीं राजकुमारी है, जिसके दीवाने थे सैकड़ों राजकुमार

 जब बात शादी की आती है, तो लड़कियां खूबसूरत दिखने के लिए न केवल पार्लर के चक्कर लगाती हैं बल्कि परफेक्ट फीगर पाने के लिए डायटिंग करने से भी परहेज नहीं करती। लेकिन, गलती यहां लड़कियों की नहीं बल्कि समाज की है... हमारे समाज ने ही खूबसूरती के आयाम कुछ ऐसे निर्धारित किये हुए हैं। कुछ लोगों के मुताबिक हमेशा से ही ऐसे चलता आ रहा है। हालांकि, हमेशा से ऐसा नहीं था। आज हम आपको एक ऐसी राजकुमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके चाहने सैंकड़ों राजकुमार थे।

लेकिन, जब आप इसकी तस्वीर देखेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे।
यह देखने में दूसरी लड़कियों की तरह बिल्कुल खूबसूरत नहीं थी, लेकिन बावजूद इसके कई देशों के राजकुमार इनसे शादी करने का सपना बुनते थे। यही नहीं कई ने तो इनके लिए आत्महत्या तक कर ली थी।
इनके बारे में जानने के बाद आप भी यही कहेंगे कि सच में सुंदरता केवल देखने वालों की आंखों में होती है।
यह कजर की राजकुमारी है, जोकि तुर्किश मूल का ईरानी शाही वंश था। इनका नाम था जहरा खानम तदज एस-सल्टोनेह।
इनकी खूबसूरती चेहरे में नहीं बल्कि इनकी खूबियों में थी। एक कि यह शाही वंश से ताल्लुक रखती थी और बेहद ही अमीर थी। दूसरी खूबी वह उस समय इराक की सबसे ज्यादा शिक्षित महिलाओं में से एक थीं।
जैसे-जैसे वह बड़ी हुई दूसरे सम्राज्य के पुरुष उनकी तरफ आकर्षित होने लगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि 145 राजकुमारों ने उन्हें शादी का प्रस्ताव तक भेजा था।
हालांकि, उन्होंने सभी रिश्तों को ठुकरा दिया था, जिसके ग़म में 13 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।
जहरा ने इनसे रचाई शादी-
काफी समय बाद जहरा ने अपने प्रेमी फारसी राजा नासिर अल-दीन शाह काजर से शादी रचा ली, जिनकी पहले से ही 84 पत्नियां थीं। लेकिन माना जाता है कि जहरा उनके सबसे करीब थी। दरअसल, उनके पति की खूबसूरती को लेकर एक अलग ही धारणा थी। एक बार एक विदेशी ने उनसे सवाल किया कि वह ज्यादा वजन वाली औरतों को ही सुंदर क्यों मानते हैं? इसके बाद राजा ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया उन्होंने कहा, “जब हम कसाई के पास जाते हैं तो हड्डियों को खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं या गोश्त?”
उन्होंने बताया कि बाहरी खूबसूरती से ज्यादा इंसान का मन महत्व रखता है। जहरा के साथ ऐसा ही था वह शिक्षित महिला के साथ-साथ एक कलाकार भी थीं।
इतना ही नहीं, जहरा ने महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए भी काफी संघर्ष किया था। जहरा ने सोसाइटी ऑफ वूमेन फ्रीडम नामक एक संस्था का भी गठन किया था।
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