अगर मन नहीं है तो छात्र बीच में छोड़ सकते हैं पढ़ाईः पीएम मोदी

देश के पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज शिक्षा नीति पर अपने विचार रखते हुए कहा है कि तेजी से बदलते हुए समय और जरूरतों के हिसाब से शिक्षा नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं। शिक्षा नीति में ये बदलाव 34 सालों के बाद हुए हैं। इसके लागू होने से शिक्षा के स्तर में छात्रों को फायदा होगा। सबसे ज्यादा फायदा उन छात्रों को होगा जो अपना पैशन फॉलो करना चाहते हैं।

पीएम ने कहा कि, लंबे समय से ज्यादातर छात्र भेड़ चाल के नियम को ही फॉलो किया करते थे। अगर कोई डॉक्टर बन रहा है तो सभी डॉक्टर बनना चाहते थे। यदि कोई इंजीनियरिंग की लाइन में जा रहा है तो सभी इसी लाइन में जाना चाहते थे। लेकिन कोई अपने पैशन को फॉलो नहीं करता था। उन्हें करियर की चिंता सताती थी।

उन्होंने कहा कि वहीं हमने महसूस किया छात्रों के भीतर इमेजिनेशन की कमी। क्रिएटिव थिकिंग, फिलोसोफी ऑफ एजुकेशन की कमी है। ऐसे में हमने नई शिक्षा नीति के तहत मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम सुविधा छात्रों को दी है। जिसका अर्थ है, छात्र अगर चाहे तो सेमेस्टर के बीच अपनी पढ़ाई छोड़कर अपना पैशन फॉलो कर सकते हैं।

नई शिक्षा नीति के नीति के अनुसार, मोदी ने बताया कि अगर कोई छात्र किसी भी कारणवश पढ़ाई को बीच सेमेस्टर में छोड़ देते हैं तो भी उन्हें सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दिया जाएगा। अगर छात्र ने एक साल पढ़ाई की है तो सर्टिफिकेट, दो साल बाद डिप्लोमा दिया जाएगा। वहीं अगर कोर्स पूरा किया है तो डिग्री दी जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि यदि कोई छात्र किसी कोर्स को छोड़कर दूसरे कोर्स में एडमिशन लेना चाहे, वह ऐसा कर सकता है। इसके लिए वह पहले कोर्स से एक निश्चित समय तक ब्रेक ले सकते हैं और दूसरा कोर्स जॉइन कर सकते हैं।

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