बड़ी खबर: नीति आयोग का सुझाव, देश के इन बड़े बैंक का किया जाएगा प्राइवेटाइजेशन

केंद्र सरकार को नीति आयोग ने सलाह दिया है कि वह पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों का निजीकरण कर दे। इन तीन बैंक में शामिल हैं पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र। इन सुझावों में सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया गया है। इसके अलावा एनबीएफसी को अधिक छूट देने की बात भी कही जा रही है। इतना ही नहीं भारत सरकार ने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की भी योजना तैयार कर रही है। योजना ये है कि इनकी संख्या घटाकर 5 पर ले आया जाए। इसकी शुरुआत बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक के अपने शेयर्स बेचने से हो सकती है।
इसे लेकर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों के साथ बैठक भी की थी और बैंकिंग सेक्टर को फिर से पटरी पर लाने के उपायों पर चर्चा भी की गई थी। आपको बता दें कि बीते साल आईडीबीआई बैंक में भी हिस्सेदारी एलआईसी को बेच दी थी। इसके बाद से ये बैंक प्राइवेट हो गया है। आईडीबीआई एक सरकारी बैंक था, जो 1964 में देश में बना था। एलआईसी ने आईडीबीआई में 21000 करोड़ रुपये का निवेश करके 51 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदी थी। इसके बाद एलआईसी और सरकार ने मिलकर 9300 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक को दिये थे। इसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 4,743 करोड़ रुपये थी।
अब सबसे बड़ा सवाल यहीं उठता है कि अगर ये बैंक प्राइवेट होते है तो ग्राहकों का क्या होगा? इस पर एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल बताते हैं कि इस फैसले से ग्राहकों पर कोई भी खास असर नहीं होगा। क्योंकि बैंक की सेवाएं पहले की तरह ही बरकरार रहती है।
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