भारत ने चीन को दिया एक और बड़ा झटका, घरेलू निर्माताओं को मिल सकता है लाभ

भारत और चीन के बीच इस वक्त तनातनी का दौर चल रहा है। सीमा विवाद के चलते दोनों देशों के बीच ये खटास अब व्यवसायिक चीजों पर प्रतिबंध लगाने तक आ गई है। पहले भारत ने चीन के करीब 59 ऐप बैन करा दिया था जिसमें मशहूर ऐप टिकटॉक भी शामिल था। वहीं अब भारत ने चीन को एक और झटका दे दिया है। दरअसल, भारत ने ऐप और रंगीन टीवी बैन के बाद डिजिटल प्रिंटिंग प्लेट के आयात पर पांच साल तक एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। ये ड्यूटी चीन के अलावा जापान, कोरिया, ताइवान और वियतनाम पर भी लगाया गया है।

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद घरेलू निर्माताओं को बेहतर लाभ मिल सकता है और सरकार ने भी इसी लाभ को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है। इसके अलावा चीन से आयात होने वाले कपडे़ रंगने वाले और प्रिंटिंग के क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन एनीलाइन पर भी 150.80 डॉलर प्रति टन के हिसाब से छह महीने के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है।

वाणिज्य मंत्रालय की जांच करने वाली शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिश पर ये फैसला लिया गया। दरअसल, जांच में पाया गया था कि चीन समेत अन्य देश जानबूझकर भारत में कम कीमत पर इन प्लेटों का निर्यात कर रहे थे जिससे घरेलू निर्माताओं को नुकसान हो सके। बहरहाल, अब एंटी डंपिंग लागू होने के चलते इन पर ड्यूटी प्रति वर्ग मीटर 0.13 डॉलर से लेकर 0.77 डॉलर तक है।

क्या है एंटी डंपिंग ड्यूटी 
जब कोई देश अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा करने और उनके नुकसान को कम करने के लिये निर्यातक देश में उत्पाद की लागत और अपने यहाँ उत्पाद के मूल्य के अंतर के बराबर शुल्क लगा दे तो इसे ही डंपिंगरोधी शुल्क यानी एंटी-डंपिंग शुल्क कहा जाता है।

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