कैबिनेट विस्तार से योगी जीतेंगे यूपी का अगला विधानसभा चुनाव? बीजेपी ने तैयार किया ‘मास्टर प्लान’

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार कोरोना वायरस से निपटने में लगी है। जिस वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विधायकों की निधी को एक साल के लिए स्थगित कर दिया है लेकिन कोरोना वायरस के बीच विधानसभा सत्र जरूर बुलाया गया है। जिसके बाद से योगी के विधायकों में एक अलग बैचेनी साफ नजर आई और ये बैचेनी है मंत्रिपरिषद विस्तार की। दरअसल राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लगभग साढ़े तीन साल का समय पूरा हो गया है और अब आने वाले डेढ़ साल के काम पर तय होगा कि अगले चुनाव में कौन बाजी मारने वाला है। ऐसे में खबर सामने आई है कि सीएम योगी अपने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की तैयारी कर रहे है। माना जा रहा है कि ये फेरबदल साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही होगा।

मंत्रियों का कटेगा पत्ता
योगी आदित्यनाथ के मंत्रीमंडल के विस्तार में कई बड़े फेरबदल हो सकते है। यहां कई विधायकों का पत्ता कट सकता है तो कई बड़े मंत्रियों को भी अपने पद से हटाया जा सकता है लेकिन सबकी नजर फिलहाल यूपी के दो विभाग पर है। जो अभी खाली है। कोरोना वायरस की वजह से यूपी के दो मंत्रियों की मृत्यु हो गई। जिस वजह से उनके विभाग अभी तक खाली है। ऐसे में नए चेहरों को इन दोनों विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके अलावा कई मंत्रियों की असंतोषजनकर परफॉर्मेंस को ध्यान में रखते हुए किनारा किया जा सकता है। तो वहीं, कई मंत्रियों को उनके कमजोर काम की वजह से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसके अलावा कुछ मंत्री को 70 साल की उम्र के आधार पर हटाया जा सकता है। ऐसे में अब तमाम मंत्रियों के बीच इस बात की हलचल तेज हो गई है कि आने वाले मंत्रिपरिषद के पुनगर्ठन में किसका पत्ता कटेगा और कौन बचेगा।

साल 2022 की तैयारी
वहीं, वरिष्ठ पत्रकारों के मुताबिक, विधायक निधि बंद होने की वजह से परेशान हो चुके है। आने वाले समय में अब चुनाव है और बीजेपी की सरकार को राज्य में अपने काम को भी जनता के बीच दिखाना है। ऐसे में अब योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य में कुछ खास लोगो को साधने की कोशिश में लगी हुई है। जिसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। ऐसे में विधायकों की नाराजगी से दूर इस मंत्रीपरिषद के विस्तार को करना होगा। हालांकि, ये सारी तैयारी चुनाव को लेकर ही है। इसी वजह से सरकार विधायकों के लिए माथापच्ची में लगी है। राज्य मे चुनाव की हलचल तेज हो रही है इसके बीच ही मंत्रिपरिषद के पुनर्गठन की सुगबुगाहट तेज हो रही है। हालांकि, कोरोना की वजह से इसमें कुछ समय लग सकता है।

नए चेहरों को मिलेगा मौका
बता दे कि इससे पहले राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार पिछले साल इसी महीने हुआ था। उस दौरान योगी के मंत्रिमंडल में 23 मंत्रियों ने शपथ ली थी जिसमें 18 नए चेहरों को जोड़ा गया था। जिसके बाद राज्य में 56 सदस्यों की मंत्रिपरिषद थी लेकिन दो विधायकों की मौत के बाद अब ये संख्या 54 हो गई है लेकिन अब माना जा रहा है कि आने वाले समय में जब मंत्रिपरिषद का विस्तार होगा तो कुल 60 सदस्यों हो सकते है।

विपक्ष ने शुरू की तैयारी
वहीं, दूसरी तरफ राज्य में मौजूद प्रमुख पार्टियां कांग्रेस, सपा और बसपा भी योगी सरकार की इस रणनीति का तोड़ निकालने में जुट गई है। कांग्रेस और बहुजन पार्टी अब योगी सरकार को सदन में विधायक निधि एक साल तक स्थगित करने से लेकर ब्राह्मणों पर हो रही राजनीति जैसे मुद्दों पर घेर सकती है। वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी के खिलाफ समाजावादी पार्टी भी प्लान बना रही है। सपा नेता और विधायक सुरेश पासी कहते हैं कि सरकार को बताना पड़ेगा कि हमारी विधायक निधि कहां गई। ऐसे में अब साफ नजर आ रहा है कि यूपी की राजनीति में आने समय में कई बवाल होने वाले है।

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