गो हत्या के खिलाफ योगी सरकार ने बनाया सख्त कानून, अपराधियों को मिलेगी भयावह सजा, जानें पूरा प्रावधान

law against cow slaughterकोरोना मामले के साथ ही योगी सरकार (Yogi Government) गो हत्या (Cow slay) के मसले पर भी काफी एक्टिव मोड में नजर आ रही है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल योगी सरकार ने गो हत्या मामले के खिलाफ एक नया कठोर कानून (law against cow slaughter) पास किया है. ऐसे में जो लोग गो हत्या के आरोपी होंगे उन्हें 3 से 10 साल तक की जेल काटनी होगी. इसके साथ ही गो-हत्यारों की संपत्ति पर सरकार को हक होगा. इतना ही नहीं बल्कि दंगाइयों के रूप में उन गो हत्यारों के नाम के पोस्टर भी लगवाए जाएंगे. इस खबर की जानकारी यूपी सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेंद्र खन्ना की ओर से दी गई है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि योगी सरकार ने गो-वध निवारण संशोधन विधेयक 2020 को पास कर दिया है. ऐसे में ये कानून अपराधियों पर कड़ा शिकंजा तो कसेगा ही और अब उत्तर प्रदेश में गो हत्या के खिलाफ कानून पहले से भी ज्यादा सख्त हो गया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब गोकशी के अपराध को अंजाम देने वाले सभी मामले गैर-जमानती होंगे. यानी गुनाह करने के बाद आप कानून की गिरफ्त से छूट नहीं पाएंगे. हाल ही में बनाए गए नए कानून के मुताबिक गो हत्या करने वालों को 3 से 10 साल तक जेल में बिताना होगा. इसके साथ ही 5 लाख रूपये तक का जुर्माना भरने का भी कानून बनाया गया है. यदि गोवंश को अंग-भंग किया जाता है तो उस आरोप में अपराधी को 7 साल तक की जेल काटनी होगी और 3 लाख रूपये तक जुर्माने का भुगतान करना होगा. यदि पहली दफा शख्स गो हत्या के अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो उसे 3 से 10 साल की सजा सुनाने का कानून है. साथ ही अपराधी को 3 से 5 लाख तक जुर्माना भरने का भी प्रावधान है. इसके बाद अगर व्यक्ति दूसरी बार गोकशी के आरोप में अपराधी पाया जाता है तो उसे जुर्माने के साथ सजा भी काटनी पड़ेगी. यहां तक कि गैंगस्टर एक्ट के आधार पर अपराधी पर कार्रवाई और उसकी संपत्ति जब्त करने का भी कानून बनाया गया है.

योगी सरकार के बनाए गए नए कानून की माने तो अब अपराधियों को सजा देने के साथ ही उनसे जुर्माना तो वसूला ही जाएगा, साथ ही उनके पब्लिकली पोस्टर भी टंगवाए जाएंगे. और तो और इस अपराध में सिर्फ गो तस्करी करने वाले ही नहीं बल्कि गाड़ियों के ड्राइवर, ऑपरेटर और उसके मालिक पर इस कानून के तहत शिकंजा कसा जाएगा. यानी कि इस आरोप में वो भी पूरे भागीदार बनाए जाएंगे. यहां तक कि तस्करों से छुड़ाई गई गायों के खान-पान का पूरे एक साल का खर्च भी आरोपियों से ही लिया जाएगा.

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