शिक्षा विभाग के इस टीचर को मरने के बाद भी मिल रहा वेतन, जानें बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में चल रहा है खेल वक़्त के साथ दुनिया के सामने आ रहे हैं। जिससे प्रदेश सरकार की छवि घूमिल हो रही हैं। प्रदेश के पीलीभीत से जो मामला सामने आ रहा है जो चौकाने वाला है। दरअसल 24 माह पहले ही एक टीचर का निधन हो चुका था। जिसके बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा उसे वेतन मिलता रहा। यानी जो व्यक्ति जीवित ही नहीं है उसके नाम पर विभाग वेतन जारी कर रहा है। अब जब मामला सामने आया तो विभाग के अधिकारी दाएं बाएं देख रहे हैं। स्वर्गवासी टीचर के वेतन में विभाग द्वारा इंक्रीमेंट भी किया गया। टीचर अरविंद कुमार ने 5 नवंबर 2015 को पीलीभीत के बिलसंडा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में ड्यूटी जॉइन की थी।

जिसके बाद एक वर्ष के भीतर ही 22 मई 2016 को उनका निधन हो गया था लेकिन इसके बाद भी शिक्षा विभाग की तरफ से मृतक अरविंद कुमार के खाते में लगातार वेतन भेजा जा रहा था। कुछ दिनों पहले जब अरविंद कुमार की पत्नी वंदना नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास गई। जहाँ बीएसए अधिकारी द्वारा उन्हें नियुक्ति देने से पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी से मृतक अरविंद के वेतन को लेकर पूछताछ की। जिसके बाद सामने आया कि वर्ष 2016 में अरविंद कुमार का निधन होने के बाद भी उन्हें वेतन भेजा जा रहा है।

इस बड़ी लापरवाही के सामने आने के बाद बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस चूक के लिए विभाग में सभी पर कार्रवाई होगी। इससे पहले शिक्षा विभाग में चल रहा एक और मामला सामने आया था जिसमे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में काम कर रहे अब तक 56 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। अभी 70 और ऐसे टीचर हैं जो संदिग्ध है और उनके पेपर भी चेक हो रहे हैं।

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