मिसालः बाल विवाह के दंश से निकलकर ख़ुद को सफल उद्यमी बनाने वाली कल्पना सरोज

जीवन में चाहे जितनी भी दिक्कते आयें या आप चाहे किसी भी गर्त में जाकर पड़े हों, लेकिन यदि आपमें कुछ कर गुजरने की चाहत है तो दुनिया का कोई भी शोषण आपको सफल होने से नहीं रो सकता है। जी हाँ, कल्पना सरोज इसकी बड़ा उदाहरण हैं।आपको बता दें कि सन् 1961 में महाराष्ट्र के अकोला जिले के छोटे से गाँव रोपरखेड़ा के गरीब दलित परिवार में कल्पना का जन्म हुआ। कल्पना के पिता एक पुलिस हवलदार थे और उनका वेतन मात्र 300 रूपये था जिसमे कल्पना के 2 भाई, 3 बहन, दादा-दादी, तथा चाचा के पूरे परिवार का खर्च चलता था। पुलिस हवलदार होने के नाते उनका पूरा परिवार पुलिस क्वार्टर में रहता था।कल्पना जी पास के ही सरकारी स्कूल में पढने जाती थीं, वे पढाई में होशियार थीं पर दलित होने के कारण यहाँ भी उन्हें शिक्षकों और सहपाठियों की उपेक्षा झेलनी पड़ती थी। लेकिन यह उनकी इतनी बड़ी समस्या नहीं थी।
कल्पना सरोज की असली समस्या यह थी कि जब कल्पना 12 साल की हुईं तो समाज के दबाव में आकर उनके पिता जी ने उनकी पढाई छुडवा दी और कम उम्र में ही उनकी शादी करवा दी। शादी के बाद वो मुंबई चली गयीं।शादी के बाद उनके ससुराल वाले उन्हें खाना नहीं देते और बाल पकड़कर बेरहमी से मारते। यह सब सहते-सहते कल्पना की स्थिति इतनी बुरी हो गयी थी कि जब 6 महीने बाद उनके पिता उनसे मिलने आये तो उनकी दशा देखकर उन्हें गाँव वापस लेकर चले गये।
उनकी जान बच गई। इसके बाद उन्होंने सोचा कि जब कुछ करके मरा जा सकता है, तो इससे अच्छा ये है कि कुछ करके जिया जाए। फिर उन्होंने कई जगह नौकरी पाने की कोशिश की, लेकिन कम शिक्षा और छोटी उम्र की वजह से उन्हें कहीं काम नहीं मिल पाया। इसके बाद उन्होंने अपने चाचा के पास मुंबई जाने का फैसला किया। उन्होंने कल्पना जी को एक कपड़ा मिल में काम दिलवा दिया। वहां उन्हें धागा काटने के दो रुपए महीने मिलते थे।
लेकिन फिर कल्पना के जीवन में आया साल 2016 जब कामानी ट्यूब्स लिमिटेड को टेकओवर कर लिया। यह फैक्ट्री 1960 में स्थापित हुई थी और 1985 से बंद पड़ी हुई थी। इसे उनहोंने फिर से खड़ी किया और इसके लिए कल्पना ने जी-तोड़ मेहनत की और अपने हुनर का परिचय दिया। दिलचस्प है कि कल्पना कामानी ट्यूब्स लिमिटेड को वापस लाभ की स्थिति में लेकर आईं और अपनी काबिलीयत के झंडे गाड़ दिया।
वर्तमान में कमानी ट्यूब्स 500 करोड़ रुपए से अधिक वैल्यू की कंपनी है। कभी 2 रुपये पाने वाली कल्पना आज 500 करोड़ नेटवर्थ वाली कंपनी का मालकिन कल्पना हम सभी के लिए एक बड़ी मिसाल हैं। उनकी क़ाबिलियत की बदौलत ही बारत सरकार ने इन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है।

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