प्यार की चिट्ठी नहीं बल्कि खतरनाक बीमारियां लाते हैं कबूतर, रहें बचकर

हिंदी फिल्मों में कबूतर को ‘डाकिये’ के किरदार में जरूर देखा होगा, जो पहले प्यार की पहली चिट्ठी साजन तक पहुंचाने का काम करता है। खैर! ये फिल्मी बाते हैं लेकिन आज हम आपको कबूतर से जुड़ी एक बहुत ही जरूरी बात बताने जा रहे हैं, जो हर किसी को जरूर जाननी चाहिए खासकर कबूतर प्रेमियों को। अगर आप रोज सुबह कबूतरों को छत या बालकनी में बुलाने के लिए उन्हें दाना डालते हैं, तो भी आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए।
आपको जानकर हैरानी होगी ‘कबूतर’ हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही खतरनाक होते हैं, इनका हमारे आस-पास होना हमें कई गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकता है।
कबूतरों के पंख से निकलने वाले फैदर डस्ट इंसानो के लिए काफी संवेदनशील होते हैं, इनकी चपेट में आकर आप गंभीर लंग्स इंफेक्शन के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा कबूतरों के मल में कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया और फंगस पाये जाते हैं... जिससे कई तरह की एलर्जी पैदा हो सकती है। कबूतर का मल सूखने के बाद हवा में उड़ जाता है, जो हवा के कणों में मिल जाता है। उसी हवा में जब हम सांस लेते हैं, तो वो मल हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है, जो सांस लेने व कई फेफड़े संबंधी बीमारियों का कारण बनता है।
जाली नहीं खिलौना है इसका इलाज
कुछ लोग कबूतरों को बालकनी व छत पर न आने के लिए जाली लगवा लेते हैं, लेकिन ये इलाज नहीं है। कई बार कबूतर जाली पर बैठकर संक्रमण फैला देते हैं। अगर आपको सच में कबूतर से बचना है, तो बालकनी व छत के उस ठिकाने पर एक खिलौना रख दें जहां कबूतर हमेशा आकर बैठते हैं। खिलौना रखा देख उन्हें लगेगा कोई दूसरा पक्षी वहां बैठा है तो वह वहां नहीं आएंगे।
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