कानपुर कांड : ईडी के सामने वकील ने उगले राज, विकास की मदद करने वालों की सूची सौंपी

कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब उनके करीबियों पर शिकंजा कसता जा रहा है।  विकास के ख़ास माने जाने वाले जय बाजपेयी की गिरफ्तारी के बाद ईडी अब उसकी सम्पत्तियों की जांच में जुट गयी है। इसी कड़ी में जय के वकील संजय भदौरिया आज ईडी के कार्यालय पहुँचे और अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान ईडी ने उनसे कई सवाल पूछे। संजय भदौरिया ने अधिकारियों को बताया कि जय बाजपेयी ने कानूनी शिकंजे से खुद को बचाने के लिए अपराधिक मामलों में दर्ज रिपोर्ट में पिता का नाम गलत दर्ज कराया है। ईडी के अधिकारियों के पूछने पर संजय ने जय से कारोबारी रिश्ता रखने वाले और विकास दुबे के साथ उसकी मदद करने वाले सफेदपोश, व्यापारियों और पुलिसकर्मियों के नाम भी गिनाए।

संजय ने अधिकारियों को बताया जय और विकास की मदद करने वालों में 16 पुलिस कर्मचारी, नेता, व्यापारी शामिल हैं। इस दौरान संजय ने कहा की जय की मदद उनके भाइयों द्वारा भी की जाती थी। इस दौरान संजय भदौरिया ने जय के खिलाफ दर्ज एफआईआर समेत अन्य दस्तावेजों की कॉपी ईडी को सौंपी। जब ईडी के अधिकारियों ने एडवोकेट से पूछा की सन 2010 से 2016 के बीच जो अपराधिक मामले दर्ज हुए उनमें जय के पिता का नाम बब्बू बाजपेई लिखा हुआ है, जबकि उनका असली नाम लक्ष्मीकांत बाजपेई है। जय ने ऐसा क्यों किया, तब संजय ने बताया कि ऐसा जय ने खुद को बचाने के लिए किया है। इसके बाद एडवोकेट संजय ने ईडी को जय और उसके गुर्गों की 17 सम्पत्तियों की सूची सौंप दी, जिनमें सरकार को धोखे में रखकर राजस्व को हानि पहुंचाई गयी थी।

प्रभावशाली लोगों के नाम भी गिनाएं 

ईडी के अधिकारियों ने संजय से सवाल किया कि जय इतने कम समय में करोड़पति कैसे बन गया। इस पर वकील भदौरिया को उन 17 नामों की सूची सौंपी जिसमें जय के भाई समेत वह सभी सफेदपोश शामिल हैं, जिन्होंने जय के काले धंधे में पैसा लगाकर उसे करोड़पति बनने में मदद की। इस दौरान वकील द्वारा ईडी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी सौंपे गए हैं जिसमें एक अधिकारी समेत 16 पुलिस कर्मियों की सम्पत्तियों का भी ब्योरा शामिल है। यह यह उन लोगों की सूची है जिन्होंने जय के अपराधिक मामलों में उसे राहत देने का काम किया है, जिसके बदले में उन्हें किसी न किसी तरह से फायदा पहुंचाया गया है। ईडी ने वकील सवाल किया कि जब जय बाजपेई के खिलाफ शासन में इतनी शिकायतें हुई तो उसके खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई, तो एडवोकेट ने कुछ और प्रभावशाली लोगों के नाम गिनाएं।

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