जानिए क्या है वायरल लोड? और कितने प्रकार से हो रहे हैं कोविड टेस्ट

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच देश में कोविड-19 की जांच के लिए चार तरह के टेस्ट मुख्य रूप से किए जा रहे हैं। इनमें आर-टी पीसीआर (RT PCR), ट्रू नैट, रैपिड एंटीजन और एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody Test) शामिल हैं। ये टेस्ट क्या होते हैं, कितने विश्वसनीय होते हैं और इनके रिज़ल्ट कैसे आते हैं… इन तमाम बातों से पहले इनसे जुड़े ज़रूरी तथ्यों को समझें। ये भी जानना ज़रूरी है कि वायरल लोड से संक्रमण का सीधा संबंध क्या है? इन तमाम सवालों के जवाब जानना इसलिए भी ज़रूरी हैं, ताकि देश में कोविड 19 के आंकड़ों को ठीक से समझा जा सके।

किसी व्यक्ति के शरीर में वायरस के कितने पार्टिकल्स मौजूद हैं यानी वायरस कितनी मज़बूती से है, इसे वायरल लोड के नाम से जाना जाता है। इसे इसलिए जांचा जाता है ताकि ये पता चल सके कि किसी व्यक्ति में संक्रमण फैलने के लिए वायरस के कितने मिनिमम पार्टिकल्स चाहिए और इनकी मात्रा ज़्यादा होने से क्या संक्रमण तेज़ी से फैल सकता है। दूसरी बात, विशेषज्ञ अब तक मान रहे हैं कि किसी स्वस्थ या सामान्य व्यक्ति में वायरल लोड अगर ज़्यादा हो भी तब भी, मज़बूत प्रतिरोधी तंत्र की बदौलत गंभीर रूप नहीं लेगा।

ज़्यादा वायरल लोड से उन लोगों को खतरा होता है जो उम्रदाज़ हों या फिर पहले से किसी रोग की वजह से प्रतिरोधी तंत्र कमज़ोर हो। अब रही बात, संक्रमण के लिए कम से कम वायरल लोड कितना होता है? इस सवाल का जवाब अभी ढूंढ़ा जा रहा है और वैज्ञानिकों के लिए अभी इस बारे में कोई भी दावा कर पाना संभव नहीं है. अब कोरोना संबंधी टेस्टों और उनसे जुड़े सवालों के जवाब।

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