ताजमहल से भी ख़ूबसूरत नक्काशी वाले भारत के 5 पर्यटन स्थल, जानिए इनके बारे में

ताजमहल यक़ीनन दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा है। लेकिन यदि बात पर्यटन और भारत के विरासतों की आती है तो भारत में ताजमहल से भी कई मायनों में उत्कृष्ट कलाकृतियों और नक्काशियों वाले मन्दिर मौजूद हैं। जी हाँ, ऐसे में यह बात समझ में नहीं आती है कि क्या कारण रहा है कि दुनिया में भारत से संदर्भित किसी भी क़िताब में उसके किसी भी पन्ने में यदि भारत को दर्शाना हो तो उसके प्रतीक के रूप में ताजमहल की ही तस्वीर छाप देते हैं।
इसके अलावा या फिर पर्यटन से संदर्भित किसी भी पुस्तक के कवर में ताजमहल या फिर लाल क़िला और कुतुब मीनार आदि के ही चित्र छापे जाते हैं। ऐसे में यहाँ भारत में टूरिज़्म का सीदा मतलब ताजमहल सा हो गया है, जबकि भारत में मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमम के बावजूद भी देश में अनेक ख़ूबसूरत नक्काशी के मन्दिर मौजूद हैं, जिनकी कारीगरी के सामने ताजमहल पानी माँगता है। आइए आज हम आपको ऐसे ही 5 मन्दिरों के बारे में बताते हैं।
1. मोढेरा का सूर्य मन्दिरः
मोढेरा का सूर्य मन्दिर गुजरात राज्य में स्थित है। यह पाटन से 30 किमी. दक्षिण में स्थित है, जो वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है। इस मंदिर के तीन मुख्य भाग हैं – गर्भ गृह एवं गूढ़ मंडप लिए मुख्य मंदिर, सभामंड़प एवं सूर्य कुंड या बावड़ी। जब भी आपको मौक़ा मिले आप इसके दर्शन ज़रूर कीजिए, मन स्पन्दित हो उठेगा।
2. एलोरा का रॉक कट कैलाश मन्दिरः
महाराष्ट्र राज्य में ऐलोरा की गुफाएं औरंगाबाद से 30 किमी दूर के चालीसगांव में स्थित हैं। ह राजसी रॉक-कट मंदिर गुफा 600-1000 सी.ई. की अवधि के जैन धर्म, बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म के कलाकृति और स्मारकों का प्रदर्शन करती है।
3. श्री रंगनाथस्वामी मंदिरः
दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में श्रीरंगम द्वीप पर स्थित ‘श्री रंगनाथस्वामी मंदिर’ एक विश्वप्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर को ‘भू-लोक वैकुंठ’ अर्थात् ‘धरती का वैकुण्ठ’ कहा जाता है।
4. ऐरावतेश्वर मंदिरः
ऐरावतेश्वर मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक हिंदू मंदिर है जो दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में कुंभकोणम के पास दारासुरम में स्थित है। यह मंदिर कला और स्थापत्य कला का भंडार है और इसमें पत्थरों पर शानदार नक्काशी देखने को मिलती है।
5. सोमनाथ का मन्दिरः
सोमनाथ का मन्दिर भारतीय इतिहास तथा हिन्दुओं के चुनिन्दा और महत्वपूर्ण मन्दिरों में से एक है। इसे आज भी भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना व जाना जाता है। यह गुजरात के सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह में स्थित है।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप हमें सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments