मुंबई की जूलरी ट्रेडिंग कंपनी ने एसबीआई से किया 387 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ने मुंबई की जूलरी ट्रेडिंग कंपनी और इसके डायरेक्टर्स अमृत लाल जैन, रितेश जैन के खिलाफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 387 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। एसबीआई ने मुंबई पुलिस, सीबीआई और एंटी करप्शन ब्रांच को दी शिकायत में फ्रॉड के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। अमृतलाल जैन और रितेश जैन के अलावा शिकायत में कंपनी और तीन अन्य लोगों के नाम हैं। यह गड़बड़ी 10 सितंबर 2014 की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट और 19 मई 2018 की फ्रॉर्ड एंगल एग्जामिनेशन रिपोर्ट में नजर आई थी। धोखाधड़ी को मुंबई में 2011 से 2015 के बीच अंजाम गया। शिकायत में बताया गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने गैर कानूनी तरह से बैंक का फंड हासिल करने के लिए अकाउंट्स से छेड़छाड़ की और फर्जी दस्तावेज दिखाए।

हीरा कारोबारी और ‘औरो गोल्ड जूलरी कंपनी’ के मालिक रितेश जैन शेल कंपनियों के माध्यम 1,478 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी मुख्य आरोपी हैं। मार्च में मुंबई पुलिस ने दुबई से लौटते समय इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया था। जैन 2016 से ही भाग रहे थे। मुंबई में एलटी मार्ग पुलिस ने जैन के खिलाफ सितंबर 2017 में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज हुआ था। पुलिस को मिली शिकायत में एक शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसके दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके जैन ने उनके नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया था कि उनकी जानकारी के बिना अकाउंट से कई ट्रांजैक्शन हुए।

इससे पहले एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में नवंबर 2016 में एक अन्य केस दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि जैन और उनके पिता अमृतलाल जैन ने नोटबंदी के बाद शेल कंपनियों में 100 करोड़ रुपए जमा कराए। इसके बाद केस को प्रवर्तन निदेशालय को ट्रांसफर कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट, 2002 के तहत फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक अकाउंट खोलने को लेकर जैन के खिलाफ केस दर्ज किया था।

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