हीरा कारोबारी और ‘औरो गोल्ड जूलरी कंपनी’ के मालिक रितेश जैन शेल कंपनियों के माध्यम 1,478 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी मुख्य आरोपी हैं। मार्च में मुंबई पुलिस ने दुबई से लौटते समय इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया था। जैन 2016 से ही भाग रहे थे। मुंबई में एलटी मार्ग पुलिस ने जैन के खिलाफ सितंबर 2017 में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज हुआ था। पुलिस को मिली शिकायत में एक शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसके दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके जैन ने उनके नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया था कि उनकी जानकारी के बिना अकाउंट से कई ट्रांजैक्शन हुए।
इससे पहले एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में नवंबर 2016 में एक अन्य केस दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि जैन और उनके पिता अमृतलाल जैन ने नोटबंदी के बाद शेल कंपनियों में 100 करोड़ रुपए जमा कराए। इसके बाद केस को प्रवर्तन निदेशालय को ट्रांसफर कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट, 2002 के तहत फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक अकाउंट खोलने को लेकर जैन के खिलाफ केस दर्ज किया था।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप हमें सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर को फॉलो करें।
Post a Comment