कोरोना ने छीनी कई नौकरियां, नोएडा में 300 फैक्टरी हुई बंद तो कई बंद होने की कगार पर

 

कोरोना महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई जिसका असर रोजगर पर साफ दिख रहा है। मिली जानकारी के मुताबक देश में करीब 300 सौ से ज्यादा फैक्टरी बंद हो गई हैं। इनमें ज्यादातर फैक्ट्री रेडिमेड गारमेंट, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स समाना के उत्पादन से जुड़ी हैं मतलब लघु उद्योग से संबंधित हैं। यदि हालात जल्द नहीं संभाला गया तो और भी बहुत सी फैक्टरी बंद हो सकती हैं। इस कोरोना काल को दौरान जो फैक्टरियां चल भी रही हैं, उनमें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ भी काम नहीं हो रहा है। उत्तर पदेश के गौतमबुद्ध नगर में लगभग 18 हजार से अधिक फैक्टरी हैं। इन कंपनियों में 12 लाख से अधिक लोग काम करते है। लेकिन इस समय यहां चार से पांच लाख श्रमिको को ही रोजगार मिल रहा है क्योंकि अभी तक अधिकांश इंडस्ट्री पूरी क्षमता के साथ नहीं चली हैं। इन कंपनियों में पांच हजार से अधिक फैक्टरियों में रेडिमेड गारमेंट का काम होता हैं।

अभी जनपद की सभी फैक्टरी 25 से 40 प्रतिशत क्षमता के साथ ही चल रही हैं। कोरोना के कारण फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारी भी नहीं लौटे हैं। शॉपिंग मॉल और बाजारों के सही से न खुल पाने के कारण ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नहाटा ने बताया कि 300 से ज्यादा फैक्टरी बंद हो चुकी हैं और बहुत सी कंपनिया बंद होने के कागर पर आ चुकी है। बंद होने वाली कंपनियों में रेडिमेड गारमेंटस, एम्ब्रोइडरी, पैकेजिंग, ऑटो पार्ट, एलईडी लाइट की इंडस्ट्री सामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में भी बाजार के हालात संभलने के असार कम ही दिख रहे हैं।

आईआईए के अध्यक्ष कुलमणि गुप्ता ने बाताया कि कोरोना महामारी के चलते इंडस्ट्री खतरे में हैं, अनेक इंडस्ट्री जहां बंद हो गई हैं। 40 प्रतिशत इंडस्ट्री बंदी के कगार पर पहुंच गई हैं। जो इंडस्ट्री चल रही हैं, वह भी संकट में हैं, उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है। बाजार में ऑर्डर नहीं आ रहे हैं। त्यौहारी सीजन भी शुरू होने वाला है। लेकिन उसकी कोई आहट अभी तक बाजार में नहीं है।

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