योगी के टारगेट पर हैं प्रदेश से जुड़े बड़े माफिया नेटवर्क, कार्रवाई में 300 करोड़ की संपत्ति पर सरकार ने किया कब्जा


कोरोना कहर के बीच भी योगी सरकार (Yogi Government) के कामों में सफाई को लेकर अभियान जारी है. वो चाहे गैंगस्टर से जुड़ा मामला हो या फिर उत्तर प्रदेश से जुड़े बड़े माफियों से हो. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल कहा जा रहा है कि सरकार के निशाने पर इन दिनों प्रदेश के बड़े माफिया नेटवर्क चढ़े हुए हैं. जिन्हें तबाह करने के लिए सरकार बड़े अभियान चला रही है. बताया जा रहा है कि इस अभियान के तहत सबसे ज्यादा जो टारगेट पर हैं उनमें माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से लेकर अतीक अहमद, अनिल दुजाना और सुंदर भाटी तक का नाम शामिल है. खबर है कि इन सभी माफिया आकाओं पर नकेल कसने के साथ ही इनकी संपत्ति पर कब्जा जमाने और इससे जुड़े सभी गुर्गों पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है.

हाल ही में मिली ताजा जानकारी की माने तो सबसे बड़े सूबे में 40 ऐसे माफिया सरगना हैं जिन पर पुलिस और प्रशासन दोनों की ही नजर गड़ी हुई है. इसी के चलते अब तक उनके तकरीबन 300 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त करने के साथ अवैध सम्पत्ति और बाकी के गैर कानूनी धंधे सब पर प्रतिबंध लगावाया जा चुका है. खबर है कि अब तक उत्तर प्रदेश की सरकार ने यूपी में गैंगस्टर एक्ट के तहत 495 मुकदमे दर्ज किए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा FIR उनके खिलाफ हैं जो मुख्तार अंसारी के गुर्गे के रूप में प्रदेश में पल रहे हैं और उसके काम को अंजाम दे रहे हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस माफिया अभियान के तहत अभी तक प्रदेश की पुलिस ने आगरा जोन में 48 करोड़, वाराणसी जोन मे 47 करोड, बरेली जोन मे 25 करोड़, साथ ही आजमगढ़, गाजीपुर, नोएडा में तकरीबन 10-10 करोड़ रूपये की संपत्ति को अपने हवाले ले चुकी है. यहां तक कि सिर्फ मुख्तार अंसारी के 100 करोड़ की संपत्ति पर योगी सरकार ने कब्जा जमाया है. आपको याद दिला दें कि अभी यानी बीते दिन ही लखनऊ के सबसे रिहायशी इलाके में से हजरतगंज के डाली बाग में मुख्तार अंसारी की करोड़ों की संपत्ति को सरकार ने मिनटों में धराशायी करवा दिया. बताया जा रहा है ये संपत्ति मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर के नाम पर थी. दरअसल गुरूवार के दिन लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम समेत 20 जेसीबी और 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी के साथ ही पीएसी के सामने दो मंजिला बिल्डिंग को चंद मिनटों में गिरा दिया गया.

इतना ही नहीं खबर है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के इस जमीन पर बनाए गए गैर कानूनी निर्माण को धराशायी करवाने में भी जो खर्च आया है उसकी भरपाई भी अब्बास अंसारी और उमर अंसारी से करवाया जाएगा. इसके साथ ही उन ऑफिसरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं, जिनके कार्यकाल में इस सरकारी जमीन पर कब्जा तो किया गया ही साथ ही निर्माण भी हो गया.

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