बताया जा रहा है कि नागिन के इस रूप से पूरे गांव में दहशत का माहौल है. खबर है कि रुपईडीहा थाने के बाबागंज इलाके के खेतों में पानी का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है. जिसके कारण लगातार जहरीले सांप बाहर निकलकर भाग रहे हैं. शंकरपुर से लेकर चिलबिला, बेलभरिया समेत कई गांव में अब तक तीन दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों सहित आधा दर्जन पशुओं को सांप डस चुके हैं. खबर है कि शंकरपुर में जानवरों को चारा देने के लिए जा रहे इबरार को रविवार के दिन ही एक सांप ने काटने का प्रयास किया. लेकिन किसी तरह वहां से जान बचाकर वो भागने में कामयाब रहे. लेकिन तभी किसी ने सांप को मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद तो जैसे नागिन पर बदले का भूत सवार हो गया है. उसने दो दिन के अंदर संदीप, गुलाबी देवी, शीला देवी, माया देवी, झल्ले, नेहा, धर्म प्रकाश, विपिन, चिरकू समेत कुल 26 स्थानीय निवासियों को डस चुकी है. इन्हीं में से एक मुनीष कुमार नाम के शख्स की रविवार को मौत भी हो गई है.
इस बारे में बात करते हुए गांव के लोगों ने बताया कि नाग पंचमी के दिन ही गांव के मंदिर में डेरा डालकर बैठने वाले नाग के जोड़े में से सांप को ग्रामीणों ने मार दिया था. उसी दिन से ही नागिन ने पूरे गांव में कोहराम मचा दिया है. आंतक का मंजर इस कदर ग्रामीणों के दिमाग में बैठ गया है कि उन्हें सोते वक्त भी सर्प दंश का अहसास होता है. हालांकि उन्हें नागिन दिखाई नहीं देती. फिलहाल गांव में झाड़ फूंक करने वाले लोग भी एंट्री करने से दूर भाग रहे हैं. यहां तक कि अब गांव के लोगों को अपने बच्चों को रिश्तेदारों के यहां सुरक्षा के लिहास से भेजना पड़ रहा है. इस बारे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबागंज के चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक सिंह का कहना है कि अस्पताल में सांप की वैक्सीन है. लेकिन ऐसा कुछ होने पर तुरंत मरीज को अस्पताल पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
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