क्या है कुसुम योजना?
किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है और ज्यादा या कम बारिश के कारण किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। केंद्र सरकार की कुसुम योजना के माध्यम से किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। कुसुम योजना की सहायता से किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का प्रयोग खेती के लिए कर सकते हैं। किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांव में बिजली की निर्बाध आपूर्ति शुरू हो सकती है।
कुसुम योजना से फायदे
केंद्र सरकार की कुसुम योजना किसानों को दो प्रकार से लाभ पहुंचाएगी। एक तो उन्हें सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी और दूसरा यदि वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें कमाई भी होगी। यदि किसी किसान के पास बंजर भूमि है तो वह उसका प्रयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए कर सकता है। इससे बंजर जमीन से भी आमदनी होने लगेगी।
कितनी होगी कमाई
बंजर जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर किसान बहुत अच्छी आमदनी कर सकते हैं। सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली को विद्युत वितरण कंपनी खरीदेगी। इससे भू-स्वामी को प्रति वर्ष प्रति एकड़ 60 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक आमदनी अगले 25 वर्षों तक रहेगी। सोलर प्लांट लगवाने के लिए जमीन विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर तक दायरे में होनी चाहिए। किसान सोलर प्लांट खुद या डेवलपर को जमीन पट्टे पर देकर लगवा सकते हैं।
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