एक्ट्रेस का खुलासा, टीवी इंडस्ट्री में भी है नेपोटिज्म. जिनका नेटवर्क अच्छा होता है उन्हें मिलता है काम

जी टीवी के पॉपुलर शो डोली अरमानों की से घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री नेहा मर्दा हाल ही में अपने प्रशंसकों और दैनिक जागरण के पाठकों से रूबरू थीं। उन्होंने मुंबई से अपनी शुरुआत से लेकर बिहार तक के सफर पर बात की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वेब सीरीज का कंटेंट ऐसा होता है, जिसे परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते हैं। दूसरी तरफ टीवी सीरियल को हम आराम से अपने परिवार के हर सदस्य के साथ बैठकर देख सकते हैं। परिवारवाद और सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या पर बात करते हुए कहा कि सुशांत जैसे लड़का कभी आत्महत्या नहीं कर सकता है। वो हमेशा अपने काम के प्रति संवेदनशील रहता था। वह कभी अपने काम से संतुष्ट नहीं होता था। हमेशा कुछ नया करते रहता था। उसने ऐसा कदम उठाया है, ये थोड़ा सोचने वाली बात है। परिवारवाद हर क्षेत्र में है। इससे किसी को फायदा है तो किसी को इससे नुकसान भी है। 



फिल्मों में क्या, टीवी की दुनिया में भी परिवारवाद बहुत हावी है। यहां भी वैसे लोगों को ही काम मिलता है, जिनकी पैरवी है या जिनका नेटवर्क बहुत अच्छा होता है। लॉकडाउन की चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। उदाहरण के लिए उन्हें ध्यान करना नहीं पसंद था, इस लॉकडाउन उन्होंने ये सीख लिया। अपने पति के डांस करने का भी आनंद इसी लॉकडाउन में ले लिया। 

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