बड़ी खबर: डिजिटल बैन के बाद भारत ने चीन को दिया एक और झटका

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस संदर्भ तरह-तरह की खबरों का आना जारी है। तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन हां…एक बात तो पाक-साफ है कि भारत ने अब चीन की हर मोर्चे पर घेराबंदी शुरू कर दी है। अह चाहे वो सामरिक मोर्चा हो या कूटनीतिक मोर्चा या फिर हो आर्थिक मोर्चा। हर मोर्चे पर भारत ने चीन के खिलाफ ऐसा दांव चला है, जिससे यह कहना साफ मुनासिब होगा कि चीन की अब सारी हैकड़ी निकल चुकी है। पहले तो आर्थिक मोर्चे पर मात देने के लिए चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद सरकार ने चीन के साथ तमाम करारों को खत्म किया, जिसकी सूचना खुद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी है।

वहीं अब केंद्रीय मंत्रालय स्तर पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार अपने चरम पर पहुंच चुका है। सभी मंत्रालय चीन के उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। सर्वप्रथम इसकी पहल केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्रालय ने की है। मंत्रालय के स्तर पर बहिष्कार का सिलसिला शुरू हो चुका है। केंद्रीय खाद्द मंत्री रमाबिलास पासवान ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अब उनके विभाग में कोई भी चीनी सामन नहीं आएगा। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) जैसे संगठन भी आते हैं।

इस संदर्भ में मंत्रालय ने सभी सर्कूलर जारी कर जानकारी दी है। सर्कूलर में कहा गया है कि चीन में कोई भी बनी वस्तु जीईएम पोर्टल (GeM Portal) या कहीं और से नहीं खरीदी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदेशी वस्तुुओं को मानकों पर परखा जाएगा, जो इसके अनरूप होंगे। उन्हें ही इजाजत दी जाएगी। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस विवाद को मद्देनजर रखते हुए भारत में अब चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का सिलसिला शुरू हो चुका है।
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