भारत ने दी चीन को चेतावनी, पीछे हटे वरना हटा दिया जाएगा

आर्थिक एवं कूटनीतिक स्तर पर चीन को झटका देने के बाद भारत ने अब सैन्य मोर्चे पर भी चीन को साफ संकेत दिया है कि उसे जवाब दिया जा सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे में चीन के लिए स्पष्ट संकेत हैं कि भारत ने उसकी हरकतों को बहुत गंभीरता से लिया है तथा अपने 20 सैनिकों की शहादत को वह भूलने वाला नहीं है और न ही यह बर्दाश्त करेगा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को चीन नए सिरे से निर्धारित करने का प्रयास करे।
चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने, चीनी कंपनियों को नए कांट्रेक्ट देने में प्रतिबंध लगाने और चीनी सामानों के भारत में विरोध ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर झटका दे दिया है। इससे चीन को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। दीर्घकालिक नुकसान काफी बड़ा है। चीन को दिखने लगा है कि भारत का बाजार उसके हाथ से निकल सकता है जिसकी भरपाई उसके लिए आसान नहीं हो पायेगी। इसी प्रकार हांगकांग में चीन के काले कानून को लेकर भी भारत ने अपने रुख में परिवर्तन के संकेत दिए हैं और भी कई मंचों पर चीन की कूटनीतिक घेराबंदी भारत कर रहा है।
गलवान घाटी की खूनी झड़प के बाद शांति बातचीत में चीन सहमति बनाकर भी पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहा है। उसके प्रयास साफ दिख रहा है कि वह नई सीमा खींचना चाहता है, मगर शुक्रवार को पीएम के दौरे से साफ हो गया है कि भारत सैन्य मोर्चे पर भी चीन को जवाब देने में जरा भी नहीं हिचकेगा।

यह संदेश सेना प्रमुख या रक्षा मंत्री ने नहीं, बल्कि शीर्ष नेतृत्व की ओर से सीधे चीन को दिया गया है जिसमें किसी प्रकार के संदेह या पुनर्विचार की गुंजाइश ही नहीं है। रक्षा जानकारों का कहना है कि चीन के साथ 1962 में हुए युद्ध के बाद भारत का अब तक का यह सबसे कड़ा रुख है। रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल राजेन्द्र सिंह ने बताया कि चीन के लिए संकेत साफ है कि या तो पीछे हटे वरना भारत अपने तरीके से हटाएगा।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप हमें सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments