8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर भाग रहा विकास दूबे (Vikas Dubey) आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन उसकी गिरफ्तारी से जहां काफी लोग संतुष्टि जता रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उसका मध्य प्रदेश के उज्जैन में जाकर गिरफ्तार होना किसी साजिश का हिस्सा भी बताया जा रहा है. इस बीच कानपुर घटना में शहीद हुए कई पुलिसकर्मियों के घरवाले भी विकास दूबे की इस तरह से हुई गिरफ्तारी से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि उसका भी बाकी लोगों की तरह एनकाउंटर होना चाहिए था. लेकिन उसने अपने आपको पकड़वाकर इस मसले से खुद को बिल्कुल बचा लिया है.
दरअसल मथुरा के शहीद सिपाही जितेंद्र के परिजन विकास दूबे की गिरफ्तारी पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. उनके पिता तीर्थ पाल का कहना है कि जिस तरह से उसने खुद को गिरफ्तार करवाया है, उससे खुद को वो सेफ महसूस कर रहा होगा. लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते थे. कि उसकी गिरफ्तारी हो.

हम तो ये चाहते हैं कि उसे बीच चौराहे पर लटका कर सभी लोगों के सामने गोली मार दी जाए. तब जाकर हमारे परिवार को सुकून मिलेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से हम बिल्कुल संतुष्ट नहीं है.
इतना ही नहीं आगे बयान देते हुए शहीद सिपाही के पिता ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस एक आर्मी के बराबर होती है. ऐसे में वो कैसे ये कह सकते हैं कि वो कभी फरीदाबाद में पहुंच गया तो कभी ये कहते हैं कि वो उज्जैन में पहुंच गया? फिलहाल शहीद जितेंद्र के परिवार वाले लगातार विकास दूबे के एनकाउंटर की डिमांड कर रहे हैं. और तो और सिर्फ परिजन विकास दूबे की ही नहीं बल्कि उससे मिले हुए बाकी पुलिस वालों के भी एनकाउंटर की मांग कर रहे हैं. इसके आगे पिता ने इस पूरे मसले को राजनीतिक साजिश का एक प्लान बताया है.

यहां तक कि उत्तर प्रदेश से जुड़े सभी सीमाओं के सील होने के बाद भी उसके उज्जैन पहुंचने पर पिता ने कई सवाल खड़े किए हैं. हालांकि पकड़ने जाने के बाद चिल्ला-चिल्ला कर लोगों को ये बताना कि मैं विकास दूबे हूं. इसके पीछे शातिर गैंगस्टर का कौन सा नया खेल था ये कहना तो मुश्किल है. लेकिन खुद को एनकाउंटर से कैसे बचाया जाए, ये शायद उसे अच्छी तरह से पता था.
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