अर्मेनिया को क्यों समझा जाता है एक ख़तरनाक देश?

आर्मेनिया अब एक देश है, जो साल 1990 से पहले तक सोवियत संघ का एक बेहद महत्वपूर्ण राज्य हुआ करता था। एक राष्ट्र के रूप में अब अर्मेनिया एक ऐसा देश है, जिसकी कई बातें उसे बेहद ख़ास बना देती हैं। इसकी भौगोलिक स्थिति पूर्व सोवियत गणराज्य, एशिया और यूरोप के बीच काकेशस के पहाड़ी क्षेत्र वाली है। इस प्रकार, पूर्वी रोमन साम्राज्य और फ़ारस तथा अरब दोनों क्षेत्रों के बीच अवस्थित होने के कारण अर्मेनिया मध्य काल से विदेशी प्रभावों और युद्ध की भूमि रहा है, जहाँ इस्लाम और ईसाइयत के कई आरंभिक युद्ध लड़े गए थे।
इससे इतर वास्तव में आर्मेनिया प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है। चौथी शताब्दी में आर्मेनिया के राजा ने ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया था और इतना ही नहीं, चूँकि वह राजा था इसलिए उसने ईसाइयत को राष्ट्रीय मान्यता दे दी थी। इस प्रकार, आर्मेनिया राज्य ईसाई धर्म ग्रहण करने वाला प्रथम राष्ट्र-राज्य है। स्पष्ट रूप से इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि अर्मेनिया ईसाई धर्म को राष्ट्रीय मान्यता देने वाला पहला देश है।
क्यों माना जाता है ख़तरनाक देश?
अर्मेनिया काफी ख़ूबसूरत देश है, लेकिन अपने पड़ोसियों के साथ इसके संबंध बिल्कुल भी अच्छे नहीं रहते हैं। इस कारण यहाँ पर हमेशा अशान्ति का माहोल रहता है। इसके अलावा अर्मेनिया अजरबेजान के साथ कई बार युद्ध कर चुका है। इसलिए यहाँ के कुछ इलाक़े बेहद ख़तरनक माने जाते हैं, जहाँ हमेशा अशान्ति बनी रहती है।

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