मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं... क्योंकि यहां तहजीब के साथ जिंदा है मुल्क की विरासत

वैसे तो देश में घूमने के लिए बहुत सारे ऐतिहासिक स्थल हैं, लेकिन जैसी आबो-हवा लखनऊ की वैसी कहीं भा आपको नहीं मिलेगी। क्योंकि आधुनिकता के चक्कर में जहां हर छोटे-बड़े शहर की रंगत बदलती जा रही है, वहीं लखनऊ में आज भी वही नजाकत बसती है जो सालों पहले यहां हुआ करती थी। यही वजह है कि इसे तहजीब का शहर कहते हैं। उत्तरप्रदेश की राजधानी के रूप में लखनऊ की अपनी पहचान है, लेकिन अगर इससे इतर देखा जाए तो इस शहर में ऐसी कई बातें जो यहां आने वालों का दिल जीत लेती है। आज हम आपको लखनऊ की इसी विरासत से रूबरू कराने जा रहे हैं, ताकि आप भी यहां जाकर इसका लुत्फ उठा सकें। तो चलिए जानते हैं लखनऊ मे घूमने और देखने योग्य जगहों के बारे में...
बड़ा इमामबाड़ा-भूल भुलैया
अगर आप लखनऊ के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं, तो आपने बड़ा इमामबाड़ा के बारे में जरूर सुना होगा। ये अपने अद्भुत वास्तुकला के कारण दुनिया भर में मशहूर है, जिसका निर्माण सन 1784 में नवाब आसिफउद्दौला ने कराया था।
इसी इमामबाड़े की ऊपरी भाग में बना है भूल भुलैया, जिसमें 409 दरवाजे रहित गलियारें इस तरह से बनाए गए हैं कि यहां आने वाले लोग लाख कोशिश के बावजूद रास्त भूल जाते हैं। इसीलिए ये भूल भुलैया कहलाता है, जहां आप गाइड के सहारे घूम सकते हैं।
छोटा इमामबाड़ा
जी हां, लखनऊ में दूसरा इमामबाड़ा भी मौजूद है, जिसे हुसैनाबाद का इमामबाड़ा के नाम से जाना जाता है। अवध के तीसरे नवाब मोहम्मद अलीशाह द्वारा 1840 में बनाए गए इस इमारत की आंतरिक और बाहरी बनावट बेहद आकर्षक है। इस इमारत की खासियत है यहां बनी शाही हमाम, जहां गोमती नदी से आने वाला पानी इसमें बने दो हौजों में पहुंचकर, एक में गर्म तथा दूसरे हौज में ठंडा हो जाता है।
वहीं छोटा इमामबाड़ा के इमारत के अंदर लगे झूमर भी अपने आप में आकर्षण का केंद्र हैं।
रेजीडेंसी
रूमी दरवाजा
लखनऊ का रूमी दरवाजा भी अपने आप में काफी मशहूर है जिसे देखने दूर-दर से लोग आते हैं। बडे इमामबाडे के पास ही स्थित ये दरवाजा मुगल स्थापत्य कला का बेजोड नमूना है, जिसकी उंचाई 60 फुट के लगभग है। इसकी खासियत है कि इसके निर्माण में कहीं भी लकड़ी या लोहे का इस्तेमाल नही किया गया है। वैस आपको बता दें कि इसका निर्माण भी नवाब आसिफुददौला ने ही करवाया था।
घंटा घर
जी हां, हर शहर की तरह लखनऊ में भी घंटा घर है और यहां का घंटा घर तो देश का सबसे ऊंचा क्लॉक टावर है। इसकी ऊचाई 221फुट है और उसमें लगा पेंडुलम 14 फुट लंबा है।
पिक्चर गैलरी
लखनऊ की पिक्चर गैलरी भी देखने योग्य जगह है, जो कि छोटा इमामबाड़े के सामने मौजूद है। इस गैलरी का निर्माण मोहम्मद शाह ने कराया था, जहां अवध के ऐतिहासिक गौरव और नवाबों से संबंधित चीजे संग्रहित हैं।
लक्ष्मण पार्क
लखनऊ की एतिहासिकता से रूबरू होना है तो आपको यहां के लक्ष्मण पार्क को भी देखाना होगा जो कि बेगम हजरत महल पार्क के निकट स्थित है। दरअसल, माना जाता है कि द्वापर में लक्ष्मण ने इस शहर को बसाया था, यही वजह है कि इसका नाम लखनऊ पड़ा। इस पार्क में कई सारी विशालकाय लक्ष्मण की कई प्रतिमाएं लगी हैं।
चिड़िया घर
जी हां, अगर आप लखनऊ गए और वहां का चिड़िया घर नहीं देखा तो फिर आपकी ट्रिप अधूरी मानी जाएगी। क्योंकि लखनऊ के दर्शनीय स्थलों में से एक है चारबाग रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये चिड़िया घर। इस चिड़िया घर में बच्चो की टॉय ट्रेन के साथ ही यहां जानवरों की अनेक किस्में मौजूद हैं, जिन्हें देखने हर रोज लोगों का हुजूम उमड़ता है।
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