कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, नीती कुमार ने उठाया सराहनीय कदम

बिहार में लगातार कोरोना (corona virus in bihar) से संजीदा होती स्थिति को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश सरकार ने अब सरकारी कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम उठाया है। कोरोना काल में मरने वाले सरकारी कर्मचारियों को बिहार सरकार ने आजीवन पारिवारिक पेंंशन देन का फैसला किया है। सरकार ने अपने इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर भी लगाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने इस फैसले की जानकारी कैबिनेट मिंटिंग खत्म होने के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दी है। यह लाभ महज उन्हीं कर्मचारियों को दिया जाएगा जिन्होंंने साल 2004 के बाद ड्यूटी ज्वाइन किया है।


इसके साथ ही कोरोना काल में नीतीश कुमार ने उस सभी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरती थी। इस फेहरिस्त में सीतामढ़ी सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ संजीव कुमार, वायसी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ शाहिना तनवीर, सीतामढ़ी के डुमरा पीएचसी में चिकित्सा के तौर पर तैनात डॉ साधना कुमारी, छपरा सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ कामेश्वर नारायण दुबे, कटिहार स्थित कुष्ठ नियंत्रण इकाई में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ अजीत कुमार सिन्हा, सारण के तरैया स्थित रेफरल हॉस्पिटल में चिकित्सा पदाधिकारी के तौर पर तैनात डॉ अशोक कुमार, सीतामढ़ी के नानपुर माली बाजार स्थित पीएचसी में तैनात डॉ वेणु झा, कैमूर के रामपुर स्थित पीएचसी में तैनात डॉ प्रीति शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है।
ध्यान रहे कि बिहार सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब लगातार प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकार को किसी भी चिकितस्कर्मी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं है। लिहाजा ऐसे चिकित्सकर्मी पर बिहार सरकार शिकंजा कस रही है, जो इस कोरोना काल में लापरवाही बरतने का काम कर रहे हैं। उधर, इन सबके इतर कैबिनेट बैठक में श्रम संसाधन विभाग के तहत कर्मचारी राज्य बीमा योजना का लाभ नर्स को दिए जाने के बाबत मुहर लग गई है।
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