जब डॉक्टरों ने अमिताभ बच्चन को कर दिया था मृत घोषित, देश भर में चला था दुआओं का दौर

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का 38 पहले पुनर्जन्म हुआ था। जी हां 38 साल पहले जब अमिताभ बच्चन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस वक्त उनकी हालत इतनी खराब थी कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह अस्पताल से जिंदा वापस आएंगे। एक समय ऐसा भी आया जब डॉक्टरों से उन्हें मृत तक घोषित कर दिया। अमिताभ की खराब हालत से उनके फैन्स काफी चिंतित हो गये और देश भर में उनके लिए दुआओं का सिलसिला शुरू हुआ। आखिरकार लोगों की दुआएं रंग लाई और वह पुन: स्वस्थ होकर घर आ गए।

घटना तब की है जब 26 जुलाई,‌ 1982 को बेंगलुरु में फिल्म ‘कुली’की शूटिंग हो रही थी इसी दौरान अमिताभ बच्चन बुरी तरह से घायल हो गये। उस वक्त उन्हें तत्काल बेंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर वहां से उन्हें मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के लिय लाया गया। जहां वह काफी दिन तक भर्ती रहे। इस बीच एक समय ऐसा भी आया जब डॉक्टरों ने उन्हें कुछ मिनट के लिए क्लीनिकली डेड भी घोषित कर दिया गया था। महानायक के जल्दी स्वस्थ होने के लिए देशभर में दुआओं का दौर भी चला था।
जया ने खत लिख कर किया था शुक्रिया 
बता दें कि ब्रीच कैंडी अस्पताल में अमिताभ का इलाज करने वाले चार डॉक्टर की टीम में डॉक्टर शरद शाह (Castroenterology Specialist) भी शामिल थे। डॉक्टर शरद शाह ही उन्हें बेंगलुरु के अस्पताल से लेने के लिए अमिताभ की मां तेजी बच्चन के साथ बेंगलुरु गये थे और फिर उन्होंने ही‌ अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की थी। डॉक्टर शरद शाह ने ही अमिताभ की बीमारी, उनके इलाज, उन्हें चंद मिनट के लिए मृत समझ लेने और फिर ठीक हो जाने के बाद जया बच्चन द्वारा लिखे गए शुक्रिया लिखा खत के बारे में जानकारी दी।
किया गया था क्लीनिकली डेड
एक रिपोर्ट के मुताबिक शरद शाह बताते हैं कि जानी मानी पत्रकार उदया तारा नायर ने अमिताभ के ब्रीच कैंडी में होने के दौरान लगातार इस खबर को कवर किया था। उन्होंने बताया कि किस तरह बिग बी को क्लीनिकली डेड घोषित कर देने के बाद उनके ऑफिस में अमिताभ के मरने की सूचना आई थी और फिर जब उन्होंने अस्पताल में फोन किया तो रिसेप्शन पर खडे़ फिल्म डायरेक्टर एस. रामानाथन ने फोन उठाया और बताया था कि अमिताभ जिंदा हैं। उदया तारा नायर के मुताबिक अमिताभ की गंभीर हालत को देखते हुए पहले से ही उनकी पत्रिका के संपादक बार बार उनकी शोकांतिका लिखने की बात क्र रहे थे और वह इस बात से इनकार कर रही थीं। उन्होंने उस वक्त के ब्रीच कैंडी अस्पताल के बाहर के माहौल के बारे में भी चर्चा की।

देश भर में चला था दुआओं का दौर 
इसके साथ ही इंद्रजीत पन्नू ने भी उस दौरान अमिताभ के साथ हुए हादसे और देशभर में दौड़ी चिंता की लहर, ब्रीच कैंडी के बाहर लोगों की भीड़, माहौल व दुआओं को लेकर बात की। इंद्रजीत पन्नू ने बताया कि कैसे बड़ौदा के एक फैन ने मन्नत मांगी थी कि अगर अमिताभ बच्चन अस्पताल से घर लौट आते हैं, तो वह उल्टे पांव चलकर बड़ौदा से मुम्बई के सिद्धिविनायक मंदिर आएंगे और उन्होंने ऐसा किया भी। इंद्रजीत पन्नू ने अस्पताल से अमिताभ के घर लौटने पर बाबूजी हरिवंश राय बच्चन के पैर छूने वाली एक विशेष तस्वीर का भी जिक्र किया।
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