विकास दुबे..अपराध की दुनिया का वो नाम..जो अब एक मर्तबा फिर से कानपुर एनकाउंटर को लेकर सुर्खियों में छा गया है। इसे महज एक नाम कहना है पर्याप्त न होगा। विकास दुबे को अपराध का पर्याय माना जाता है। आपराध की लंबी फेहरिस्त इसके नाम दर्ज है। आज भले ही पूरे सूबे में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के जुर्म में यह फरारी काट रहा हो। मगर इससे पहले भी यह कई ऐसे वारदातों को अंजाम दे चुका है। जिसमें भी पुलिस के हाथ नकाामी ही लगी है। आज से 20 साल पहले 2001 में जब इसने एक बीजेपी के राज्यमंत्री की हैसियत रखने वाले एक मंत्री को थाने में घुसकर मौत के घाट उतार दिया था.. तो उस वक्त ये सुबूतों के अभाव में रिहा हो गया और अब जब इसने अपने साथियों के साथ मिलकर कुल 8 पुलिसकर्मियों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया है.. तो इसके पीछे भी किसी न किसी पुलिसकर्मी के बतौर मुखबिर होने की बात सामने आ रही है।
अब खबर है कि इस प्रकरण की तफ्तीश में जुटी पुलिसकर्मियों ने उस शख्स पता लगा लिया है जिसने विकास दुबे को पुलिस के दबिश की जानकारी दी थी। हालांकि इस संदर्भ में आलाधिकारी पुलिस अफसर ने दो टूक कह दिया है कि अभी उस शख्स का नाम जाहिर नहीं किया जाएग, जिसने विकास दुबे को पुलिस के दबिश की जानकारी दी थी । मगर उस शख्स का पता अब लग चुका है। पुलिस ने बताया है कि पहले उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.. तब उसका नाम उजागर किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी शख्स ने विकास दुबे को पुलिस के दबिश की जानकारी दी थी। इस प्रकरण के बारे में कोतवाली पहुंचे एडीजी जय नारायण सिंह ने कहा कि विकुरू में पुलिस के दबिश की सूचना देने वाले मुखबिर का पता चल चुका है। उसे चिन्हित कर लिया गया है और उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के उपरांत उसका नाम उजागर किया जाएगा।
दयाशंकर का बड़ा खुलासा
वहींं इस पूरे प्रकरण को लेकर विकास दुबे के नौकर दयाशंकर पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। उसने पुलिस पूछताछ में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने कहा कि पुलिस के दबिश की सूचना थाने से ही पुलिसकर्मी ने दी थी। यह सूचना मिलते ही विकास दुबे ने अपने शार्प शूटरों को बुला लिया था।
शक के घेरे में पुलिसकर्मी
पहले तो विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिसकर्मी के नंबर दर्ज होने की खबर सामने आई है और अब खुद एडीजी इस बात का इकबाल करते हुए कह रहे हैं कि हमें उस मुखबिर का पता लग चुका है, लेकिन वो बिना किसी कठोर कार्रवाई से पहले उसके नाम को उजागर करने से हिचक रहे हैं। उधर, अब दयाशंकर ने पुलिसकर्मियों को लेकर चौंकाना वाला खुसाला किया है, जिससे इस पूरे प्रकरण में अब पुलिस की संलिप्तता सामने आ रही है। पुलिस ने अब तक इस पूरे मामले में 21 नामजद आरोपियों और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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