अविवाहित महिलाओं को नहीं करनी चाहिए शिंवलिंग की पूजा, कारण जानकर हैरान रह जाएंगे आप

भगवान भोले नाथ का सबसे पसंदीदा माह सावन चल रहा है। ऐसे में भक्त उन्हें प्रसन्न करने के तमाम उपाय करते हैं। सावन के सोमवार को श्रद्धालु भोले शंकर की पूजा-अर्चना में करते हैं। इस माह में भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी विशेष फलदायी होता है। महिलाएं अपने सुहाग के दीर्घायु होने की महादेव व माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए भगवान शिव की अराधना करती हैं और सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखती हैं। लेकिन शिव पूजन को लेकर कई नियम भी हैं जिनसे भक्तों को अवगत रहना चाहिए। माना जाता है कि अविवाहित युवतियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। अविवाहित लड़कियों के लिए शिवलिंग छूना भी वर्जित होता है। आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह-
तप न हो भंग:- धर्म शास्त्रों की मान्यता के मुताबिक कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे कई धार्मिक कारणों का उल्लेख है। माना जाता है कि तप में व्यस्त भगवान शिव की तपस्या में कोई व्यवधान न पड़े इसलिए कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। साथ ही, शिवलिंग की परिक्रमा करने से भी अविवाहित युवतियों को मनाही है।

इसके पीछे यह है किवदंती:- किवदंतियों के अनुसार अविवाहित नारी को शिवलिंग के पास जाने की भी अनुमति नहीं होती है। उनका मानना है कि अगर ये कुंवारी युवतियां शिवलिंग के चारों ओर घूमेंगी तो हो सकता है भगवान शिव के तप में खलल पड़ जाए। ऐसे में कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग के स्पर्श, पूजन व परिक्रमा से बचना चाहिए।
पूजा करने से नहीं है मनाही: भले ही कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग स्पर्श करने से मना किया जाता है, लेकिन शिव की पूजा करने से कतई रोक नहीं है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से अविवाहित लड़कियों को योग्य वर मिलता है और शादी में उत्पन्न हो रहीं रुकावटें भी खत्म हो जाती हैं। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अविवाहित कन्याएं कई उपाय कर सकती हैं। अविवाहित लड़कियों को भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करनी चाहिए।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप हमें सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments