भारत में कहां और कैसे छपते हैं नोट, जानिए छपने से लेकर आम हाथों में पहुंचने तक की कहानी

8 नवंबर 2016 की शाम को प्रधानमंत्री द्वारा किए गए नोटबंदी के ऐलान के बारे में तो हर कोई जानता होगा। जिसके बाद 500 और 1000 के पुराने नोट बंद कर दिए गए थे। उसके बाद भारत सरकार ने ना केवल 500 रुपए के नए नोट बल्कि 2000, 100, 200, 50, 10 और अब तो 20 रुपये के भी नए नोट छपवाए हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये नोट कैसे और कहां छपते हैं और आम जनता तक कैसे पहुंचते हैं? आइये आपको विस्तार से रू-बरू कराते हैं नोट के इस सफर के बारे में।
हर देश की अपनी-अपनी अलग करेंसी और उसका नाम होता है। भारतीय करेंसी का नाम रुपया है और इस रुपये की छपाई भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की जाती है। इन रूपयों की छपाई केवल सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही की जाती है। भारत में कुल चार जगहों सल्बोनी (वेस्ट बंगाल), नासिक (महाराष्ट्र), मैसूर (कर्नाटक) और देवास (मध्य प्रदेश) में नोटों की छपाई की जाती है।
मैसूर और सल्बोनी के छपाई खाने भारतीय रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के अंडर में आते हैं जबकि देवास का बैंक नोट प्रेस और नासिक का करेंसी नोट प्रेस वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अधीन काम करते हैं।
कैसे छापा जाता है नोट-
नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाले पेपर्स के शीट को एक तरह की खास मशीन में डाला जाता है जिसमें कि हर शीट से लगभग 32 से 48 नोट तक बनाए जा सकते हैं। फिर इन नोटों को कलर करने की मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उसमें डालकर कलर किया जाता है। शीट को कलर करने के बाद उन्हें नोटों के आकार में सीट से काटकर अलग किया जाता है। अगर कोई नोट खराब हो जाता है तो उसकी छंटनी की जाती है जबकि अच्छे नोटों को पैक करके और उनका बंडल बनाकर कड़ी सुरक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक को भेजा जाता है।
पूरे देश में भारतीय रिजर्व बैंक के कुल 18 इश्यू ऑफिस और एक सब-इश्यू ऑफिस हैं। छपाई के बाद सारे नोट सबसे पहले उन्ही इश्यू ऑफिसेज में भेजे जाते हैं उसके बाद वहां से इन्हें अन्य व्यवसायिक बैंकों में भेजा जाता है। जहां से ये आम लोगों तक पहुंचते हैं।
किस नोट की छपाई पर आता है कितना खर्च-
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार से मांगे गए एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ था कि किस नोट को छापने में कितने रुपये का खर्च आता है।
नोट खर्च
5 रुपए 50 पैसे
10 रुपए 0.96 पैसे,
50 रुपये 1.81 रुपए
100 रुपये 1.79 रुपए
नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाला पेपर-
नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाला 80 प्रतिशत पेपर विदेशों से मंगाया जाता है जिसमें कि जापान, जर्मनी और इंग्लैंड मुख्य रूप से शामिल हैं। जबकि 20 प्रतिशत इस्तेमाल होने वाला पेपर होशंगाबाद के पेपर मिल सिक्योरिटी में बनाया जाता है।
कैसे छापा जाता है नोट-
नोट छापने की स्याही-
1-इंटैगलियो- महात्मा गांधी की तस्वीर को नोट पर छापने में इस स्याही का इस्तेमाल किया जाता है।
2-फ्लूरोसेंस- इस स्याही का प्रयोग नोट के नंबर पैनल को छापने में किया जाता है।
3-ऑप्टिकल वेरिएबल- इस स्याही का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि नोट की नकल न की जा सके। इसके अलावा नोट की नकल ना बनाई जा सके इसके लिए हर बार इंक के कंपोजीशन में बदलाव किया जाता है।
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