पीरियड्स से जुड़े इन भ्रम का 90% घरों में होता है पालन, कहीं आप तो नहीं इनका शिकार

पीरियड्स महिलाओं के प्रजनन से जुड़ी सामान्य शारीरिक प्रकिया है, लेकिन फिर भी इसे लेकर ना कितने भ्रम लोगों ने पाल रखें हैं। इनमें से कुछ नियम तो पुराने समय की परिस्थितियों को देखकर बनाए गए थें, पर हैरानी की बात तो ये है कि समय बदलने के साथ भी इन नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ और आज भी कई घरों में इनका पालन किया जाता है। जैसे कि
बाल नहीं धुलने चाहिए
जी हां, ज्यादातर घरों में ये लड़कियों को निर्देश दिया जाता है कि पीरियड्स के दौरान बाल नहीं धुलने चाहिए, जबकि वास्तव में देखा जाए तो इसके पीछे कोई लॉजिक नहीं हैं। बल्कि असल में इस दौरान गर्म पानी से नहाने से काफी राहत मिलती है। वैसे सोचा जाए तो ये नियम तब बने होंगें जब आज की तरह हर घरों में बाथरूम नहीं हुआ करते थे और एक ही नहर या नदीं से पीने का पानी और नहाने धोने का काम होता था, ऐसे में तभी पीरियड्स के दौरान नहाने से वहां का पानी दूषित हो सकता था। पर अब तो हर घर में बाथरूम की सुविधा है, ऐसे में नहाने से कैसा परहेज। बल्कि अब तो टैम्पॉन लगा कर महिलाएं स्विमिंग भी कर सकती हैं।
अचार मत छुना
इस भ्रम का तो लगभग 90% घरों में पालन होता है, आज भी महिलाएं बच्चियों को ये सख्त हिदायत देती हैं कि पीरियड्स के दौरान कभी आचार मत छुना, वरना वो सड़ जाएंगे। जबकि वास्तव में इसके पीछे भी कोई वाजिब वजह नहीं है... हो सकता है ऐसा नियम सफाई की दृष्टि से बनाया गया हो, क्योंकि गंदे हाथों से छुने से अचार पापड़ जैसे लंबे समय तक रखने वाले खाद्य पदार्थ खराब हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए ऐसे किसी नियम की जरूरत नही है बल्कि बच्चियों को साफ-सफाई के प्रति सचेत रखना चाहिए, ना कि ऐसी बंदिशे लगानी चाहिए।
पूजा-कर्मकाण्ड से दूर रहो
पीरियड्स से जुड़ा ये भ्रम हर घरों में आम है, आज भी सबसे पहले बच्चियों को इसी बारे में सचेत किया जाता है कि पीरियड्स के दौरान पूजा-कर्मकाण्ड से दूर रहो। जबकि इसी देश में ऐसी कई जगहें हैं जहां देवी के रक्त की पूजा होती है। ऐसे में महिलाओं के पूजा-अर्चना को लेकर इतनी बाते क्यों।
पौधों को ना छुएं
कुछ घरों में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को तुलसी और दूसरे पौधों को छुने की मनाही होती है, जबकि इसके पीछे भी कोई तथ्य नहीं है क्योंकि पीरियड्स में महिलाएं कोई शैतान तो बन नहीं जाती हैं, कि उनके छुने मात्र से कोई पौधा सूख जाए।
किचन में नो एंट्री
जी हां, कुछ घरों में ऐसी भी चलन है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियां और महिलाएं रसोई घरों से दूर ही रहती हैं, जबकि वहीं अगर किसी परिवार में सिर्फ पति-पत्नी है तो ऐसे नियम की कोई मान्यता नहीं है, यानी ये सारे नियम सिर्फ मन की तसल्ली के लिए बनाए गए हैं और वास्तव इन नियमों का कोई आधार नहीं है।
सेक्स है वर्जित
पीरियड्स के दिनों में सेक्स को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां फैली हुई हैं, जैसे कि इस दौरान सेक्स करना पाप के समान है, यहां तक कि ये भी कहा जाता है कि ऐसे समय में सेक्स करने से मेल पार्टनर की मर्दानगी पर बुरा असर पड़ता है जबकि ये बातें सरासर झूठी हैं, इनके पीछे की लॉजिक नहीं हैं।

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