भारतीय रेलवे का बड़ा कदम, 151 प्राइवेट ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू, लोगों को मिलेगा रोजगार

कोरोना वायरस (corona virus) के बीच केंद्र सरकार ने आम जनता की सहूलियतों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. जिससे देश की जनता को काफी फायदा पहुंचा है. अब बुधवार को ही भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने निजीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है और 109 जोड़ी रूट्स पर 151 प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनें चलाने का फैसला किया है साथ ही इसके निजी निवेश के लिए रेलवे ने प्राइवेट एंटिटीज से रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशंस (RFQ) मांगा है.
30 हजार करोड़ का होगा निवेश

बताया जा रहा है कि, रेलवे की इस योजना में करीब 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और ऐसा पहली बार होगा जब इंडियन रेलवेज नेटवर्क पर यात्री ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट पार्टी को आमंत्रित किया गया है.

बेरोजगारी दूर करने की दिशा में काम

बता दें, साल 2019 में ही लखवऊ से दिल्ली के लिए IRCTC ने पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शुरू की थी और अब रेलवे इस योजना को धरातल पर इसलिए लाना चाहता था. जिससे बेरोजगारी दूर हो और भारतीय रेल में कम मेंटीनेंस कॉस्ट, कम ट्रांजिट टाइम के साथ नई तकनीक के विकास के साथ लोगों के पास नौकरी के अवसर भी ज्यादा हों.



स्वदेशी होंगी ट्रेनें

मालूम हो कि, 109 जोड़ी रूट इंडियन रेलवे नेटवर्क पर 12 क्लस्टर्स में होंगे और हर ट्रेन में करीब 16 कोच होंगे और इनकी रफ्तार 160 किलो मीटर/ घंटा होगी. रेलवे के मुताबिक, इनमें से अधिकांश ट्रेनों का निर्माण भारत में ही होगा. यानि प्राइवेट ट्रेन एक तरह से मोदी सरकार के मेक इन इंडिया का ही हिस्सा होगा.

प्राइवेट कंपनियों को मिलेगा मौका

रेलवे अपनी इस योजना के अंतर्गत 35 सालों के लिए इस प्रोजेक्ट को प्राइवेट कंपनियों को देगी. इन ट्रेनों में जितने भी ड्राइवर और गार्ड होंगे वह सभी भारतीय रेलवे के होंगे. निजी कंपनियों पर ट्रेनों की वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी होगी. रेलवे ने प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं बहुत जल्द इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ भी किया जाएगा.

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