चीनी उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करेगी BSNL, सभी प्राइवेट कंपनियों से होगी मीटिंग

भारत-चीन में तनाव के बीच टेलिकॉम ​डिपार्टमेंट सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड से 4G अपग्रेडेशन सुविधा में चीनी इक्विमेंट्स का प्रयोग नहीं करने का आग्रह किया है। 4G सिस्टम में अपग्रेडेशन BSNL का पूनर्वास पैकेज का एक हिस्सा है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने BSNL से इस संबंध में अपने टेंडर पर दोबारा काम करने को आदेश दिया है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट इस बात पर भी विचार कर रहा है कि भारत की प्राइवेट मोबाइल सर्विस ऑपरेटर्स भी तत्परता से चीनी कंपनियों के उत्पाद पर अपनी निर्भरता हो सके तो कम करें। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित ने​टवर्क सिक्योरिटी इक्विपमेंट्स को लेकर हमेशा ही सुरक्षा के सवाल खड़े होते आये हैं।

सूत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया था कि यदि सरकार या नोडल मंत्रालय इस संबंध में कुछ कहता है तो वो चीनी ZTE पर अपनी निर्भरता खत्म कर देगी। सूत्र के हवाले इस रिपोर्ट में लिखा है, ‘भारत-चीन के बीच झड़प एक रणनीतिक मामला है जिसमें देश की सुरक्षा शामिल है। ऐसे में यदि सरकार कहती है कि चीनी ZTE पर निर्भरता खत्म की जाए तो BSNL इसका पालन जरूर करेगी।’

चीन के शेनज़ेन शहर की यह कंपनी BSNL के 6 सर्विस क्षेत्र के साथ मिलकर कार्य करती है। जबकि, एयरटेल के साथ 2 सेवा एरिया और वोडाफोन आइडिया के साथ 5 सेवा क्षेत्र में यह कंपनी कार्य करती है। BSNL अपने 50,000 2G और 3G साइट्स को चौथे जेनरेशन (4G) में कन्वर्ट करने के लिए ZTE के साथ काम कर रही थी। इसके लिए ZTE ने BSNL से 1,000 करोड़ रुपये के आउटस्टैंडिंग बैलेंस की डिमांड की है।

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