पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह का दावा, गलवान घाटी पर इस वजह से भड़की थी हिंसा

लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो दोनों देश युद्ध की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। इस हिंसक झड़प को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी जहां एक तरफ सरकार को जिम्मेदार बताते हुए घेरने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री व पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने हैरान करने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प का कारण चीनी तंबू में लगी रहस्यमय आग थी। उनका कहना है कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक सतर्क हो उठे थे। उनके अनुसार यह समझ पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने तंबू में ऐसा क्या रखा हुआ था जिसकी वजह से आग लगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का यह दावा अब तक सामने आ रही बातों से थोड़ा हटकर है। अभी तक दावा किया जा रहा था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने तंबू उखाड़कर फेंका था। लेकिन अब वीके सिंह ने कहा है कि 15 जून की रात जब कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पेट्रोल पॉइंट 14 पहुंचे तो देखा कि चीनी सैनिकों का तंबू अभी भी वहीं था। चीन ने यह तंबू इसलिए लगाया था कि वह देख सके कि भारतीय सेना पीछे गई या नहीं। इस दौरान बातचीत में दोनों के पीछे जाने की बात हुई तो संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों से तंबू हटाने को कहा।

वीके सिंह से अनुसार पीएलए जवान तंबू हटाना शुरू किए थे कि अचानक की उसमें आग लग गई। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीनियों ने तंबू में क्या रखा हुआ था। उन्होंने कहा इसी आग के चलते सैनिकों के बीच पहले बहस हुई जो फिर बात हिंसक झड़प तक पहुंच गई। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं इस घाटी की खोज करने वाले गुलाम रसूल गलवान के पोते सामने आ गए हैं। उन्होंने घाटी में घटी पूरी कहानी सुनाई। उन्होंने यह भी दावा किया कि गलवान घाटी शुरू से ही भारत की रही है।
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