शादीशुदा महिलाओं को मंगलसूत्र पहनना क्यों जरूरी है, जानिए इसका महत्व

मनुष्य आज से ही नहीं बल्कि आदि काल से अनेक परंपराओं को मानते चले आ रहा है। इसमें से एक परंपरा है मंगलसूत्र को धारण करना। शादी में 7 फेरे हो जाने के बाद मांग में सिंदूर भरने के बाद पति अपनी पत्नी को मंगलसूत्र पहनाता है। हिंदू धर्म में मंगलसूत्र को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। यह सुहागन स्त्रियों की निशानी होता है।हिंदू धर्म में मंगलसूत्र के बिना शादी नहीं होती है। मंगलसूत्र का अन्य भी कई महत्व है। तो चलिए जानते हैं कि क्यों पहना जाता है मंगलसूत्र।
जिस तरह शादीशुदा महिला के जीवन में सिंदूर, पायल का महत्व है उसी तरह मंगलसूत्र का भी महत्व है। शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए मंगलसूत्र धारण करती है, साथ ही मंगलसूत्र उनके विवाहित जीवन को बुरी नजरों से बचाता है। मंगलसूत्र का निर्माण काले मोती और सोने के द्वारा किया जाता है।
काला रंग किसी की खराब नजर से रक्षा करने के लिए होता है। इसी के कारण मंगलसूत्र में काले मोती का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दांपत्य जीवन को किसी की भी खराब नजर ना लगे। सभी मंगलसूत्र में सोना जरूरत के अनुसार होता है। ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि सोना गुरु ग्रह की असर को कम करता है, जो शादीशुदा जीवन में सुख समृद्धि और बुद्धि का पर्याय होता है।
सोना धारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।शादी के समय जब पति द्वारा पत्नी को मंगलसूत्र पहनाया जाता है तो उसके बाद उसे कभी भी नहीं निकालना चाहिए। जब कोई अनहोनी हो जाती है तभी उसे उतारा जाता है। अगर किसी कारण मंगलसूत्र निकालना पड़े तो उसकी जगह काला डोरा गले में जरूर पहन ले।

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