भगवान भोलेनाथ की एक प्रतिमा इस मंदिर में विद्यमान है, जिसका निर्माण 700 ईस्वी में किया गया था। अपनी खूबसूरती के लिए तमिलनाडु का यह मंदिर दुनियाभर में प्रख्यात है। संगीत स्तंभ भी इस मंदिर को कहा जाता है। इसके पीछे की वजह यह है कि इस मंदिर के खंभों से आप चाहें तो मधुर संगीत की धुन आराम से निकाल सकते हैं।
पांडवों से नाता
Shiva Temple Tamil Nadu – घंटी जैसी मधुर ध्वनि
अद्भुत है मंदिर की वास्तुकला
शोध बताते हैं
अभी तक जो कई शोध हुए हैं, उनमें से एक शोध की मानें तो इस मंदिर में पत्थर के जो खंभे बने हुए हैं, वे तीन श्रेणियों में बटे हुए हैं। इनमें से पहली श्रेणी को श्रुति स्तंभ कहते हैं। दूसरी श्रेणी गण थूंगल के नाम से जानी जाती है। वहीं, तीसरी श्रेणी लया थूंगल की है। शोध में बताया गया है कि श्रुति स्तंभ और लया थूंगल के बीच दरअसल पारस्परिक संबंध बना हुआ है। यही वजह है कि जब श्रुति स्तंभ पर कोई टैप करता है तो लया थूंगल से भी आवाज बाहर आनी शुरू हो जाती है। ठीक उसी प्रकार से जब कोई लया थूंगल पर टैप करता है तो ऐसे में श्रुति स्तंभ से भी ध्वनि का बाहर निकलना शुरू हो जाता है।
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