जानें लम्बी उम्र जीने के लिए क्यों जरूरी है शांति, क्या है इसके फायदे

मानव शांति की तलाश में भटकता रहता है।पर उसे कहीं शांति नहीं मिलती है। शांति मनुष्य के भीतर ही विद्यमान एक छोटी सी भावना है,जो मुख्य भूमिका निभाता है।
शांति मनुष्य के भीतर नहीं है तो कितना भी प्रयास कर लें पर वो शांति नहीं पा सकता है।मन विचारों का वृहद जाल है।सुख दुःख,भले बुरे की भावनाएं विचारों को संश्लिष्ट करती है। भावना ही विचारों को रंग बिरंगा बनाती है। वे विचार शब्दों का रुप लेकर हमारे मन में निरंतर आते रहते हैं।
जहां व्यक्ति के मन में धर्म के प्रति आस्था रहती है, वहां शांति का निवास होता है। यूं कह सकते है कि जहां धर्म है वहां शांति है। अतः शांति का प्रमुख स्थान पवित्र हृदय को ही माना गया है। शरीर शांत,मन शांत और वाणी तथा श्वास शांत होगी, तभी शांति हृदय में उत्पन्न होती है। अतः हमारे जीवन का लक्ष्य एक ही होना चाहिए और वह है मानसिक शांति। मानसिक रूप से व्यक्ति शांत प्रवृत्ति का होता है और नकारात्मक भाव से दूर रहता है, वहीं व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।
शान्ति कैसे प्राप्त करें, कभी कभी कुछ लोगों के मन में प्रश्न उठता है। शांति प्राप्त करने के लिए हमें कही भटकने की आवश्यकता नहीं है।हम जब स्वयं बिना किसी शिकायत, तनाव और चिंता से मुक्त जीवन जीना सीख लेते हैं तो मन में शांति और सरलता पैदा हो जाती है। आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य के पास सब कुछ होते हुए भी वह सुखी जीवन व्यतीत करने में असमर्थ महसूस कर रहा है।उसका सबसे बड़ा कारण अशांत जीवन है। इसलिए हर लम्हा,हर परिस्थिति में प्रसन्न रहे, और सुखी जीवन व्यतीत करें।।
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