इस भाषा की पढ़ाई से दिमाग होता है तेज, उच्चारण से मिलते हैं कई मानसिक लाभ

वैसे तो भाषा का उपयोग आमतौर पर अपनी बात और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है और पूरे संसार में ऐसी 7000 से ऊपर भाषाएं हैं जिनका उपयोग लोग अभिव्यक्ति के लिए करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन हजारों भाषाओं में एक ऐसी भी भाषा है जो कि ना सिर्फ अभिव्यक्ति के काम आती है, बल्कि ये व्यक्ति के मानसिक सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं संस्कृत भाषा की, तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे संस्कृत भाषा आपके लिए उपयोगी हो सकती है।
जी हां, वैसे तो आज के समय में संस्कृत बोलने और पढ़ने वाले गिनती के लोग रह गए हैं, लेकिन फिर भी जानने वाली बात ये है कि इस भाषा का अभ्यास असल में कितना उपयोगी होता है। असल में, संस्कृत विश्व की सभी भाषाओं की जननी मानी जाती है... माना जाता है कि संस्कृत से ही सभी भाषाओं की उत्पत्ति हुई है। ऐसे में ये भाषा अपने आप में बेहद श्रेष्ठ मानी जाती है। हालांकि ये सिर्फ कही सुनी जाने वाली बात नहीं है, बल्कि विज्ञान ने भी इस बात को माना है।
असल में, एक शोध में ये बात सामने आ चुकी है कि संस्कृत भाषा के अभ्यास से व्यक्ति का दिमाग तेज होता है। नासा भी संस्कृत भाषा पर काफी शोध कर चुका है, नासा के पास संस्कृत में लिखी 60,000 पांडुलिपियां हैं, जिन पर वो गहन अध्ययन कर रहा है। नासा खुद ये स्पष्ट कर चुका है कि संस्कृत पूरी दुनिया में बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
विद्वानों की माने तो संस्कृत भाषा के अभ्यास से व्यक्ति का दिमाग तेज होता है और वहीं इसके उच्चारण से आपको मानसिक लाभ मिलता है। असल में संस्कृत भाषा के उच्चारण से जीभ की सभी मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है और ऐसे में ये स्पीच थेरेपी में काफी मददगार है। साथ ही इसे बोलने से एकाग्रता भी बढ़ती है। यही वजह है कि संस्कृत भाषा के ऐसे सकारात्मक प्रभावों को देखते हुए लंदन और आयरलैंड के कई स्कूलों में संस्कृत को अनिवार्य विषय बना दिया गया है।
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