दिलचस्प है कार्तिकेय कुमार के जन्म की कथा, कहे जाते हैं युद्ध के देवता

कार्तिकेय कुमार भगवान शंकर और माता पार्वती के बड़े पुत्र कहे जाते हैं। वास्तव में इनके जन्म से संबंधित एक कथा बहुत ही दिलचस्प है जिसके बारे में आज हम आपसे चर्चा करेंगे। आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार युद्ध के देवता कहे जाते हैं और इनका जन्म एक प्रयोग से हुआ। इनमें छह जीवों को एक में समाहित किया गया था। कार्तिकेय को होमकुंड से कृतिकाओं ने धारण किया और जब वे थोड़े से विकसित होने लगे तो इन्हें छोड़कर चली गयीं।
माता पार्वती ने इन छह बच्चो को देखा और पाया कि उनके बचने की संभावना बहुत ही कम है तो कहते हैं कि उन्होंने अपनी योगशक्ति से एक ही शरीर में इन छह जीवों को समाविष्ट कर दिया और इससे कार्तिकेय जन्में। इसीलिए कार्तिकेय कुमार को ‘अरुमुगा’ यानी कि छह चेहरे वाले देवता बी कहा जाता है, जिनमें अद्भुत क्षमता बताई जाती है।
आपको बता दें कि इस सृष्टि में जिस पर्वत पर ‘अरुमुगा’ कार्तिकेय कुमार जाकर बसे थे उस पर्वत को ‘कुमार पर्वत’ के नाम से जाना गया। आज भी इस ‘कुमार पर्वत’ पर छोटे-छोटे क़ुदरती पत्थर पाये जाते हैं ‘अरुमुगा’ कार्तिकेय कुमार के छह चेहरों की तरह तराशे हुए हैं। इन पत्थरों को ‘शंमुख लिंग’ कहा जाता है।

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