सिंदूर नही लिपस्टिक से मांग भरकर की थी शम्मी कपूर ने गीता बाली से शादी, पढ़िए इनकी प्रेम कहानी का दिलचस्प किस्सा

शम्मी कपूर और गीता बाली की प्रेम कहानी कपूर खानदान की सबसे ख़ूबसूरत और दिल छू लेनेवाली कहानियों में से एक है. दोनों की लव स्टोरी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है. फिल्म रंगीन रातें के शूट पर दोनों एक-दूसरे के करीब आये और वहीं से इस हीरो हीरोइन की ज़िंदगी भी रंगीन हो गई. फिर क्या था 4 महीने में ही उनका प्यार इस कदर परवान चढ़ता है कि दोनों ने मंदिर में जाकर शादी कर ली. कैसे शुरू हुई इनकी प्रेम कहानी, किसने किसे प्रपोज़ किया और कैसे लिपस्टिक से शम्मीजी ने भरी गीता बाली की मांग आइए जानते हैं.

Shammi Kapoor And Geeta Bali marriage pics
शम्मी कपूर और गीता बाली की पहली मुलाकात साल 1955 में फिल्म मिस कोका कोला के दौरान हुई थी. पहली नज़र में ही गीता उन्हें अच्छी लगी थीं, लेकिन सरदारनी का रौब कुछ ऐसा था कि शम्मी जी को हिम्मत नहीं पड़ी कुछ कहने की. शम्मी जी न एक इंटरव्यू में बताया था कि उन दोनों को एक दूसरे को करीब से जानने का मौका फिल्म रंगीन रातें के दौरान मिला. इस फिल्म की शूटिंग रानीखेत में हो रही थी. ख़ूबसूरत वादियों और नज़ारों के बीच दो दिलों में पल रहा प्यार अब हिलोरें मारने लगा था. शाम को शूट के बाद अक्सर दोनों घूमने निकल जाते थे.
Shammi Kapoor And Geeta Bali marriage pics
शूट के दौरान ही शम्मी जी को गीता जी की ज़िन्दगी को करीब से जानने का मौका मिला. तब उन्हें पता चला कि गीता के पापा बहुत कम तनख्वाह में काम करनेवाले एक टीचर हैं, जो अपनी आंखों की रौशनी खो चुके हैं और उनकी मां, बहन और भाई तीनों ही सदस्यों को कम सुनाई देता था, जिसके कारण पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी गीता बाली पर ही थी. इतनी मुश्किल परिस्थितियों का सामना करनेवाली गीता ने कभी किसी को अपना दर्द ज़ाहिर नहीं होने दिया. शम्मी जी के मन में उनके लिए सम्मान और बढ़ गया. उस समय गीता बाली की 24 साल थी, जबकि शम्मी जी की 23. ख़ुद से उम्र में एक साल बड़ी लड़की के प्रति बढ़ते अपने प्यार को वो रोक न सके.
Shammi Kapoor And Geeta Bali
आपको जानकर हैरानी होगी कि शम्मी कपूर और गीता बाली को करीब लाने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी एक शेर ने. जी हां, यह भी एक बेहद दिलचस्प किस्सा है. दरअसल हुआ यूं था कि शम्मी जी बहुत दिनों से एक शेर की तलाश में थे, जो उनकी नज़रों से ओझल हो गया था. एक रात का वाकया है, जब डिनर करके वो लोग होटल की तरफ़ वापस आ रहे थे. गीता बाली आगे वाली गाड़ी में थीं और शम्मी जी पीछे. एक मोड़ पर पहुंचकर मैंने क्या देखा की गीता की गाड़ी रास्ते के बीच में खड़ी है और वो जीप के बोनट पर चढ़कर चिल्ला रही थी. ”शम्मी, तुम्हारा शेर, वो देखो उधर जा रहा है.” मैं हैरान था, सामने खूंखार शेर है और इस लड़की को डर भी नहीं लग रहा है. उसी समय मैं गीता पर पूरी तरह फ़िदा हो गया.
Shammi Kapoor And Geeta Bali
शम्मीजी ने एक बार बताया था कि गीता और मैं एक दूसरे के प्यार में पागल थे, लेकिन मेरे मन में कहीं न कहीं उम्र का डर था. गीता मेरे पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ और भाई राज कपूर के साथ भी फिल्मों में काम कर चुकी थीं. मुझे नहीं पता था कि हमारे रिश्ते को लेकर परिवार की क्या प्रतिक्रिया होगी. पर मैंने मन ही मन ठान लिया था कि मैं अपनी पूरी ज़िन्दगी गीता के साथ ही गुज़ारना चाहता हूं.
Shammi Kapoor And Geeta Bali
गीता को शम्मी जी ने जब शादी के लिए प्रपोज़ किया, तो गीताजी ने कहा था कि शम्मी, मैं तुमसे प्यार करती हूँ, पर शादी नहीं कर सकती. मुझ पर मेरे परिवार की ज़िम्मेदारियाँ हैं, मैं उन्हें नहीं यूं ही नहीं छोड़ सकती. चार महीने एक दूसरे को मनाते, समझाते-बुझाते, बिछड़ने के दर्द और तड़प के बीच यूं ही बीत गए. और फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था.
Shammi Kapoor And Geeta Bali marriage pics
23 अगस्त, 1955 को हम दोनों बॉम्बे के जुहू हॉटेल में थे. शम्मी जी वहीं रह रहे थे, क्योंकि उनके घर पर कोई नहीं था. सभी लोग पृथ्वी थियेटर के ट्रूप के साथ भोपाल गए हुए थे. मुझे पता था हर बार की तरह गीता फिर से सिर हिलाकर शादी के लिए मना कर देगी, फिर भी यूं ही मस्ती के मूड में मैंने गीता को शादी के लिए प्रपोज़ किया और उनका जवाब सुनकर मैं चौंक गया. गीता बाली ने कहा, ”ठीक है शम्मी, शादी करते हैं, पर शादी अभी करनी होगी.” शम्मी जी हैरान, ”अभी से क्या मतलब है?”, तो गीता बाली ने कहा, ”अभी मतलब अभी से है.” शम्मी जी ये मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे, इसलिए तुरंत बोले, ”ठीक है. चलो अभी करते हैं.”
Shammi Kapoor And Geeta Bali
शम्मी कपूर और गीता बाली अपने दोस्त और मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर के पास गए, क्योंकि एक हफ़्ते पहले ही उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड और एक्ट्रेस नूर से भागकर शादी की थी. जॉनी वॉकर ने कहा कि हम तो मुस्लिम हैं, इसलिए हमें सिर्फ़ एक काज़ी साहब को ढूंढ़ना था, पर तुम लोग हिन्दू हो, तो तुम्हे एक मंदिर और और एक पंडितजी की ज़रूरत पड़ेगी. वहां से निकालकर सीधा दोनों अपने दोस्त हरी वालिया के पास गए, जिनके साथ मिलकर दोनों फिल्म कॉफी हाउस बना रहे थे. हरी वालिया उन दोनों को साउथ बॉम्बे के नेपियन सी रोड के पास स्थित बाणगंगा मंदिर ले गए.
Shammi Kapoor And Geeta Bali family pic
शम्मी जी के मुताबिक, उस समय गीता अपने सलवार कमीज़ में थी और मैं कुर्ते पायजामे में. पंडितजी ने मंदिर में शादी कराई. हमने सात फेरे लिए और फिर गीता ने अपने पर्स में से लिपस्टिक निकालकर मुझे दी, ताकि मैं उसकी मांग भर सकूं. बिना परिवार के किसी सदस्य की मौजूदगी के हमारी शादी हो गई. उसके बाद हम सीधा आपने दादाजी का आशीर्वाद लेने माटुंगा गए. उसके बाद मैंने भोपाल में फ़ोन करके अपने पैरेंट्स को अपनी शादी के बारे में बताया. ख़बर उनके लिए चौंकानेवाली थी, पर वो ख़ुश थे. उसके बाद हम गीता के घर गए. वहां हमें देखकर सब चौंक गए थे, पर हमारी ख़ुशी में ख़ुश होते हुए, उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया. मुझे याद है कि उनके घर में कोई मिठाई नहीं थी, तो गीता की बहन हरदर्शन ने शक्कर लाकर सबका मुंह मीठा कराया था.
Shammi Kapoor And Geeta Bali with there two children,
साल 1956 में गीता ने एक सुंदर से बेटे को जन्म दिया और उसका नाम आदित्य राज कपूर रखा गया और उसके बाद साल 1961 में उनके घर एक नन्ही परी आई, जिसका नाम उन्होंने कंचन रखा. शम्मी कपूर और गीता बाली की दुनिया ख़ुशियों से भरी थी. मनचाहा जीवनसाथी और बाल बच्चों से भरा पूरा परिवार भला किसी को और क्या चाहिए. दोनों बहुत खुश थे. लेकिन ये खुशियां बहुत दिनों तक टिकी न रह सकीं. नियति ने ऐसा पलटा खाया कि साल 1965 में एक पंजाबी फिल्म की शूटिंग के दौरान गीता बाली को चेचक हो गया. उन्हें बीमारी ने इस तरह जकड़ा कि उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया और कुछ ही दिनों बाद 21 जनवरी, 1965 को शम्मी कपूर और दो मासूम बच्चों को छोड़कर दुनिया से चली गयीं. महज़ 10 सालों के साथ के बाद वो दोनों हमेशा के लिए बिछड़ गए. हालांकि एक बार एक इंटरव्यू में शम्मी जी ने कहा था कि उन दस सालों के प्यार के सहारे ही मैंने बाकी की ज़िंदगी गुज़ारी है. दोनों की यह कहानी अक्सर प्यार करनेवालों को रुला देती है.

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