जानें शादी के बाद क्यो होती हैं प्यार में तकरार, क्या ये जायज है

आजकल का प्यार भी बड़ा ही मॉडर्न हो गया है। जहां छोटे-छोटे कारणों की वजह से अक्सर रिश्ते और प्यार में फासले आ ही जाते हैं। जहां हमें एक से प्यार ना मिलता है तो हम दूसरे की तरफ जाते हैं और जब हमें एक से प्यार नहीं मिलता है। तो हम उस पर ना जाने क्या-क्या आरोप लगा लेते हैं एवं उसे ही कसूरवार बना देते हैं और कोई बहाना बनाकर उस प्यार को छोड़ देते हैं। आइये जाने खास टिप्स।
1.जहां बात करते हैं इश्क मोहब्बत की वहां बड़े-बड़े बातें दिमाग में आती है कि प्यार ऐसा होना चाहिए, प्यार इस कदर का होना चाहिए, प्यार ऐसे होना चाहिए । जहां हम प्यार में रंग रूप सब कुछ देख लेते हैं लेकिन जहां बात आती है उम्र की, तो वहां हम सोचने बैठ जाते हैं कि क्या हमारी उम्र के इस फैसले की वजह से हमें वह स्वीकार नहीं करेंगे या हम उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे।
2.अब सवाल यह है क्या प्यार में उम्र का फासला आ सकता है कि नहीं आ सकता है दरअसल हमारा यह मानना है कि हमें हमारी ही उम्र का शख्स हमें समझ सकता है और कभी कबार उम्र का फासला अक्सर प्यार को तोड़ देता है। यह हमारा मानना है। अक्सर कभी-कभार छोटी सी उम्र में प्यार हो जाता है तो कभी बढ़ती हुई उम्र के साथ प्यार हो जाता है।
3.अक्सर लोग जरा से घुलने मिलने को या फिर छोटे से अट्रैक्शन के चलते या फिर जब हमें किसी के साथ बात करना अच्छा लगता है, कोई हमको सुनता है, किसी के साथ हम अपना समय निकालना, हमें अच्छा लगता है, अक्सर लोग किसी के साथ अच्छी बॉन्डिंग, अटैचमेंट, एक अच्छी फीलिंग, खुद का मोटिव या फिर प्लेजरमेंट के चलते तो हम यह समझ लेते हैं कि यही प्यार है।
4.असल मायने में प्यार किया है और क्या हमने इसे समझने की कोशिश की है। प्यार एक इनटेंजिबल है, यह इमोशनलेस ,फीलिंग्लेस, लिमिटलेस, अनकाउंटेबल, अनमेजरेबल, यह ओवरलास्टिंग् नेवर एंडिंग है ।अगर देखा जाए तो उम्र सिर्फ एक संख्या है जो समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। अगर आप सच्चे दिल से किसी से प्यार करते हैं उम्र के चलते प्यार में फासला नहीं होना चाहिए। इसमें स्वयं का मतलब और स्वार्थ नहीं दिखना चाहिए। प्यार की कोई उम्र नहीं होती है।

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